प्रदेश में बेरोजगारी देश से तीन गुना ज्यादा-देवनानी

प्रो. वासुदेव देवनानी
जयपुर/अजमेर, 25 जुलाई।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजस्थान में बेरोजगारी देश से तीन गुना ज्यादा है। देश में जहां बेरोजगारी की दर 9.17 प्रतिशत है वहीं प्रदेश में यह दर राष्ट्रीय दर से भी तीन गुना ज्यादा 26.2 प्रतिशत है। यह आंकडे बेशक प्रदेश में बेरोजगारी की कहानी तो बयां कर ही रहे है साथ ही राज्य सरकार की अकर्मण्यता की बानगी भी प्रस्तुत करते है।
देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के बेरोजगारों को रोजगार देने में एकदम फेल साबित हुई है। जनसंख्या की दृष्टि से देश के बडे राज्यों में से एक उत्तरप्रदेश में ही बेरोजगारी दर देश की बेरोजगारी दर से आधी रही है। बेरोजगारी के मामले में तो राजस्थान विहार, झारखण्ड और बंगाल से भी गयाबिता रहा। बिहार जैसे पिछडे राज्य से भी बेरोजगारी की दर ज्यादा रहना निश्चित ही राजस्थान प्रदेश और राज्य सरकार के लिए विचारणीय प्रश्न है।
देवनानी ने कहा कि कांग्रेस ने चुनावों के दौरान प्रदेशवासियों से मनमाफिक वादे किए। पिछले तीन बजटों में युवाओं को सरकारी नौकरी देने एवं रोजगार उपलब्ध कराने की बंपर घोषणाएं भी हुई लेकिन परिणाम ढाक के तीन पात ही रहे। सरकार प्रदेश में पिछले ढाई साल से सरकारी नौकरियों पर कुंडली मार कर बैठी रही। वह घोषणाओं की ‘ढाई प्रतिशत’ भर्तियां भी पूरी नहीं कर पाई। घोषणाएं आज भी कागजों से बाहर निकले एवं मूर्तरूप लेने के इंतजार में है। यह प्रदेश के युवाओं का दुर्भाग्य ही है कि वोट के लिए युवा जबकि नौकरी एवं रोजगार देने के मामले में कांग्रेस सरकार ने उन्हें अंगूठा दिखाने का काम किया है।
देवनानी ने कहा कि सरकार ने युवाओं से बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया लेकिन आज केवल 62 हजार को ही रोजगार भत्ता दिया जा रहा है जबकि पंजिकृतों की संख्या 15 लाख से अधिक है। सरकार की उदासिनता के चलते युवाओं को रोजगार भत्ता व नौकरियों के लिए दर-दर की ठोकरे खानी पड रही है। सरकार ने युवाओं को लुभाने के लिए जो वादे किए थे वे झूठ साबित हुए। उनकी आशाओं के साथ कुठाराघात किया गया। वेंटलेटर पर सांस गिन रही इस सरकार की उपलब्धि केवल अपने मंत्रियों एवं विधायकों के परिजनों-रिश्तेदारों को नियुक्तियां देने तक सीमित रह गई है।

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