श्यामसुंदर तिवारी एवं शशि पाठक पहली पोथी योजना द्वारा सम्मानित

जयपुर// पहली पोथी सम्मान योजना 2020 एवं 2021 का सम्मान समारोह गरिमापूर्ण तरीके से होटल चाणक्य चित्रकूट मार्ग वैशाली नगर में आयोजित किया गया।
वर्ष 2020 के लिए श्यामसुंदर तिवारी, मध्यप्रदेश को उनके प्रथम काव्य संग्रह “मैं किन सपनों की बात करूं” के लिए एवं 2021 के लिए श्रीमती शशि पाठक को उनके प्रथम काव्य संग्रह “अंतर्संवाद” के लिए 11000 रुपए, सम्मान पत्र, श्रीफल एवं दुशाला उड़ा कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि हिंदी एवं राजस्थानी भाषा की वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती शारदा कृष्ण थी एवं अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवं पूर्व निदेशक दूरदर्शन, नंद भारद्वाज ने की।
कार्यक्रम का संयोजन शिवानी शर्मा का था एवं संचालन आकाशवाणी की सेवानिवृत्त वरिष्ठ उद्घोषक श्रीमती प्रतिमा बनर्जी एवं साहित्यकार श्रीमती सुनीता बिश्नोलिया ने संयुक्त रूप से किया। निर्णायक मंडल 2021 की सदस्य एवं कार्यक्रम की मुख्य अतिथि शारदा कृष्ण जी ने अपने वक्तव्य में इस योजना पर विचार प्रकट करते हुए कहा कि दोनों रचनाकारों को बधाई दी एवं आशीर्वचन कहे उन्होंने कहा कि इस तरह के उदारवादी प्रयोग होते रहने चाहिए। पुस्तक के बारे में उन्होंने कहा कि मैं अंतर्संवाद को अंतरंग का संवाद मानती हूं। स्त्री के संघर्ष और जिजीविषा की पड़ताल करती हुई रचनाएं हैं।
निर्णायक मंडल 2020 के सदस्य एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष नंद भारद्वाज ने स्त्रियाँ जिस बात को सोच लेती है उसे कामयाबी के शिखर तक पहुंचाकर ही दम लेती हैं। हिंदी प्रकाशन के लिए आशान्वित होते हुए उन्होंने दोनों रचनाकारों को बधाई दी और कहा कि रचनाकार कभी रिटायर नहीं होते ज्यों ज्यों उम्र बढ़ती है उनका लेखन और भी प्रभावी होता जाता है।
उपस्थित अतिथियों को पहली पोथी योजना के बारे मेें विस्तृत जानकारी संस्थापक नूतन गुप्ता ने अपने स्वागत उद्बोधन में दी।
सम्मानित कवियों की शानदार काव्य पाठ ने कार्यक्रम को सार्थकता प्रदान की।
पहली पोथी योजना की ओर से संस्थापक नूतन गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम के दूसरे भाग में उपस्थित अतिथियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए और कविता पाठ किया। वरिष्ठ साहित्यकार श्री दुर्गा प्रसाद जी ने कहा “लेखन की दृष्टि से आज का समय बहुत रोमांचक है और उन्होंने प्रकाशन व्यवसाय में कुछ घपले की आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि सोशल मीडिया का उपयोग रचनाकारों के लिए बहुत महत्वपूर्ण और उपयोगी है। उन्होंने कहा कि लिखने के लिए माहौल बनाया जाना चाहिए जो कि बहुत ही जरूरी बात है और यह योजना इस माहौल को बनाती है क्योंकि कल समाचार पत्रों में जब खबरें छपेंगी तो लोगों को इन पुस्तकों को पढ़ने की इच्छा होगी और यही तो हमें चाहिए यही तो हमें करना चाहिए।”
वरिष्ठ साहित्यकार श्री सवाई सिंह के विचार थे कि “पहली पोथी योजना” एक अनूठी शुरुआत है अधिकतर योजनाएं युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए होती है पर प्रौढ़ मन जब मंसूबा बांधे रह जाते हैं कि यह होगा वह होगा उस समय, उम्र के उस मोड़ पर उनका प्रोत्साहन करना, उनका सत्कार करना एक अनूठा काम है और इसका स्वागत किया जाना चाहिए।
मथुरेश नंदन कुलश्रेष्ठ ने कहा कि मुझे कल्पना भी नहीं थी कि इस तरह का कोई कार्यक्रम और योजना भी हो सकती है इस उम्र में पहली किताब का छपरा और उस पुरस्कृत होना एक महान सुखद अनुभूति है और नूतन गुप्ता की इस पहल के लिए उनको बहुत बहुत साधुवाद दिया जाना चाहिए।
इसके बाद सभागार में उपस्थित कवियों ने कविता पाठ किया जिनमें मीनाक्षी माथुर, पूनम धाबाई, सुनीता बिश्नोलिया, विनीता सुराणा, कमलेश माथुर, साकार श्रीवास्तव, डॉ बजरंग सोनी, नूतन गुप्ता और मध्य प्रदेश से पधारे शैलेंद्र ने कविता पाठ किया। संचालन शिवानी ने किया।

पहली पोथी योजना जीवन की दूसरी पारी में यानी कि सेवानिवृत्ति की आयु, 60 वर्ष या इस के पश्चात अपनी लेखन यात्रा प्रारंभ करने वाले वरिष्ठ जनों के प्रोत्साहन हेतु “पहली पोथी योजना” का शुभारंभ वरिष्ठ कवित्री नूतन गुप्ता द्वारा सन 2020 में किया गया है। इस योजना के अंतर्गत जिन रचनाकारों की कविता की पहली पुस्तक 60 वर्ष की आयु या उसके पश्चात प्रकाशित हुई है उनसे पुस्तक की 4 प्रतियां प्रविष्टि के रूप में आमंत्रित की जाती हैं। प्राप्त पुस्तकें चार अलग-अलग निर्णायकों को प्रेषित की जाती है एवं उन्हीं के सम्मिलित परिणाम के आधार पर विजेता रचनाकार का चयन और सम्मान किया जाता है। वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के कारण सम्मान समारोह स्थगित कर दिया गया था, इसलिए आज दिनांक 19 अक्टूबर 2021 को साल 2020 एवं 21 के दोनों विजेताओं का सम्मान किया गया।

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