दर्शनीय स्थलों पर केन्द्र द्वारा दिया बजट भी खर्च नहीं कर पाई राज्य सरकार: देवनानी

-स्वदेश दर्शन योजना के तहत केन्द्र ने राज्य को सौंपा था बजट।
-पृथ्वीराज स्मारक, दाहिर सेन स्मारक, प्रताप स्मारक को जोडने का मुद्धा उठाया।
-प्रदेश के मंदिरों, किलों एवं पर्यटन स्थलों पर करना था खर्च।
-राज्य सरकार को दिया 23662 करोड का बजट।
-राज्य द्वारा पूरा बजट खर्च नहीं कर सकने का मामला गूंजा विधानसभा में।
-देवनानी के प्रतिप्रश्नों का पर्यटन मंत्री नहीं दे सके जवाब।

प्रो. वासुदेव देवनानी
जयपुर, 25 फरवरी।
स्वदेश दर्शन योजना के तहत प्रदेश के मंदिरों, किलो एवं पर्यटक स्थलों पर केन्द्र द्वारा दिये गये बजट को राज्य सरकार द्वारा समय पर व्यय नहीं करने का मामला शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में गूंजा। भाजपा नेता, पूर्व षिक्षा मंत्री एवं अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने सदन में इस संबंध में पूछे गए प्रश्न-प्रतिप्रश्नों का पर्यटन मंत्री जवाब तक नहीं दे पाए। वे एक के बाद एक गोलमोल जवाब देते रहे और संबंधित जवाब देने से बचते रहे।
देवनानी ने कहा कि भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा स्वदेश दर्शन योजना संचालित की जा रही है जिसके अन्तर्गत कृष्णा सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, हैरिटेज सर्किट, डेजर्ट सर्किट इत्यादि चार श्रेणियों में प्रदेश के दर्जनों मंदिरों, किलो एवं पर्यटक स्थलों को बांटकर उनका विकास कार्य कराने का है। इन प्रोजेक्टों पर विकास कार्य अभी जारी है। इसके लिए केन्द्र द्वारा राज्य सरकार को 23662.77 लाख रूपए दिए गए लेकिन यह दुर्भाग्य ही है कि राज्य की सरकार स्वयं के दम पर मंदिरों, किलो एवं पर्यटन स्थलों पर खर्च कर उनका विकास कराना तो दूर केन्द्र द्वारा दिए जा रहे बजट को भी तय समय पर पूरा नहीं खर्च सकी। केन्द्र द्वारा स्वदेश दर्शन योजना के तहत जारी की गई राशि में से 11,161.21.लाख रूपये खर्च नहीं कर सकी। दिए गए बजट में से करीब आधी राशि खर्च सरकार खर्च नहीं कर सकी। ताजूब की बात तो यह है कि बजट खर्च नहीं कर सकने का कारण क्या रहा इसका जवाब भी विधानसभा में राज्य सरकार के पर्यटन मंत्री बताने में असमर्थ रहे। वे संबंधित जवाब देने से पूरे समय बचते ही रहे।
देवनानी ने सदन में अजमेर का महाराणा प्रताप स्मारक, महाराजा दायर सेन स्मारक, पृथ्वीराज स्मारक, अजयपाल मंदिर, जैन नसिया इत्यादि आधा दर्जन स्थलों को स्वदेश दर्शन योजना के अन्तर्गत जोडने का मुद्धा उठाया। देवनानी ने कहा कि जिस आधार पर कृष्णा सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, हैरिटेज सर्किट इत्यादि चार श्रेणियां बनाते हुए स्वदेश दर्शन योजना के अन्तर्गत प्रदेश के दर्जनों मंदिर, किले एवं पर्यटन स्थल जोडे.गए है उसी आधार पर अजमेर के आधा दर्जन स्थलों को भी जोडने में परेशानी नहीं चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार से उक्त मांग पर गंभीरता से विचार करने की मांग की। देवनानी ने कहा कि राज्य से मांग की गई है अगर विचार नहीं होता है तो केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर महाराणा प्रताप स्मारक सहित अजमेर के आधा दर्जन स्थलों को स्वदेश दर्शन योजना के अन्तर्गत लेने की मांग की जाएगी।

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