राजस्थान वंचित तबके के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए सितारे फाउंडेशन की वार्षिक प्रवेश परीक्षा के अंतिम चरण की मेज़बानी करेगा

राजस्थान से वंचित तबके के पांच विद्यार्थियों ने प्रतिष्ठित अमेरिकी विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्राप्त किया

जयपुर, 26 मार्च, 2022-‘’2050 तक शिक्षा के जरिये 50 हज़ार जिंदगियां बदलने’’ का लक्ष्य लेकर चल रहे गैर लाभकारी संगठन सितारे फाउंडेशन ने वंचित तबके के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का इस वर्ष जयपुर और जोधपुर में मिडिल स्कूल में चयन के लिए अपनी वार्षिक प्रवेश परीक्षा के अंतिम चरण में कदम रखा है। इस वर्ष की प्रवेश परीक्षाओं के लिए 65,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। यह प्रवेश परीक्षा इस महीने की शुरूआत में पहले ही भोपाल और इंदौर में आयोजित हो चुकी है। राजस्थान की प्रवेश परीक्षाएं जयपुर में 27 मार्च और जोधपुर में 3 अप्रैल को होंगी। यह फाउंडेशन बच्चों को मिडिल स्कूल में प्रवेश (कक्षा 6 में प्रवेश के लिए एप्टीट्यूड टेस्ट और इंटरव्यू) के लिए उनकी सहायता कर और सात वर्षों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराकर उनकी गरीबी की पृष्ठभूमि से उन्हें उबारते हुए इन बच्चों के सशक्तिकरण की दिशा में काम करता है और इन बच्चों को भारत और अमेरिका में प्रख्यात विश्वविद्यालयों में प्रवेश की तैयारी कराई जाती है।
सितारे फाउंडेशन ने वंचित तबके के उन पांच प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के नामों की घोषणा की जिन्होंने उच्चतर माध्यमिक की पढ़ाई पूरी कर अमेरिका में प्रख्यात विश्वविद्यालयों में स्नातक कंप्यूटर साइंस प्रोग्राम में दाखिला हासिल किया है। ये सभी पांच बच्चे राजस्थान से हैं। इनमें मिलन रामधारी वर्जिनिया टेक में प्रवेश लेंगे, जबकि तनीशा नागोरी केस वेस्टर्न युनिवर्सिटी में प्रवेश प्राप्त करेंगी। वहीं कुसुम चौधरी, महेन्द्र कुमार और निशा चौधरी को युनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा, ओहियो स्टेट युनिवर्सिटी, युनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया-सांता क्रूज और एरिज़ोना स्टेट युनिवर्सिटी सहित कई विश्वविद्यालयों से प्रवेश का ऑफर मिला है। आने वाले सप्ताहों में इन विद्यार्थियों के लिए कई और प्रवेश की पेशकश आने की संभावना है।
सितारे फाउंडेशन की संस्थापक शिल्पा सिंघल ने कहा, ‘’मैंने व्यक्तिगत तौर पर कॉरनेल युनिवर्सिटी (मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस) और बिंघमटन युनिवर्सिटी (एमएस, फिजिक्स) से मेरे अध्ययन में शिक्षा की परिवर्तनकारी ताकत को देखा है। मेरे बच्चों की शिक्षा में मेरा गहरा जुड़ाव और स्कूलों में मेरे स्वैच्छिक कार्य से मैंने वंचित तबके से आने वाले खास बच्चों को लाभ होता महसूस और मानो जैसे उनकी लॉटरी निकल आई हो। इसी प्रेरणा से सितारे फाउंडेशन की शुरूआत हुई। वंचित तबके के बच्चों को शिक्षा देने की चुनौती भले ही कठिन लगती है, लेकिन यह कठिन है नहीं और यह हमें हमारे मिशन से कभी डिगा नहीं सकेगी।‘’
उन्होंने कहा, “राजस्थान हमारे प्रयास का एक आंतरिक हिस्सा रहा है क्योंकि इसी राज्य से हमने यात्रा शुरू की और मुझे यह कहने में अत्यधिक गर्व की अनुभूति होती है कि इस राज्य ने हमें एक मजबूत आधार उपलब्ध कराया है और हमें देश के अन्य हिस्सों में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है।“
अकादमिक क्षेत्र के अलावा सितारे बच्चों के सामाजिक, भावनात्मक और भाषाई क्षमता निर्माण पर खास ध्यान देता है जिससे एक सफल भविष्य के लिए उन्हें तैयार किया जा सके और उन्हें एक विश्वस्तरीय पेशेवर बनाया जा सके। इसके लिए उन्हें भारत और अमेरिका में प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए तैयार किया जाता है। सितारे फाउंडेशन की संस्थापक शिल्पा सिंघल की अगुवाई में एक-एक बच्चों के मार्गदर्शन की सितारे की अनूठी शैली सफलता दिलाने में अहम रही है। सितारे के विद्यार्थियों ने अमेरिका के शीर्ष विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्राप्त किया है।
इस वर्ष की प्रवेश परीक्षाओं के लिए इस एनजीओ को 65,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए। भारी संख्या में विद्यार्थियों की रूचि को देखते हुए जयपुर की प्रवेश परीक्षा दो अलग अलग स्थानों पर आयोजित की जाएगी जिसमें से एक स्थान अग्रवाल पीजी कॉलेज और दूसरा स्थान किड्स क्लब सीनियर सेकेंडरी स्कूल है। जयपुर प्रवेश परीक्षा के लिए समय सुबह 9:30 बजे से शुरू होगा।

राजस्थान से अमेरिकी विश्वविद्यालयों में प्रवेश पाने पाले सितारे के विद्यार्थियों के विवरण
सितारे की छात्रा कुसुम चौधरी एक ऐसे किसान की बेटी है जो दूसरों के खेत में काम करते हैं। भाई बहनों में मझली होने और परिवार में दो बेटियों से बड़ी होने की वजह से कुसुम के पास काम से छुटकारा पाने का कोई कारण नहीं था। अनपढ़ होने के बावजूद कुसुम की मां मानती हैं कि गरीबी से बाहर आने का एकमात्र रास्ता पढ़ाई है। कुसुम ने सितारे प्रवेश परीक्षा दी और छात्रवृत्ति के लिए परीक्षा निकाली। जब उसने अपना पहला कंप्यूटर प्रोग्राम लिखा तो मानो उसके सपनों को पंख लग गए और उसने खुद को एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर कल्पना की। अब कुसुम अमेरिका के एक नामी विश्वविद्यालय में कंप्यूटर साइंस में स्नातक की डिग्री की पढ़ाई करेगी।
सितारे का छात्र महेन्द्र कुमार अपने परिवार में पांच लड़कों में सबसे छोटा है। वह पीढि़यों से नाई का काम करने वाले परिवार से आता है और उसके परिवार में उसके पिता अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने दसवीं की पढ़ाई पूरी की है और स्टैनलेस स्टील शीट्स तैयार करने वाली शीट मेटल फैक्टरी में काम करते हैं। सितारे फाउंडेशन के सहयोग से कंप्यूटर साइंस में डिग्री की पढ़ाई के लिए इस साल महेन्द्र का दाखिला ओहियो स्टेट युनिवर्सिटी में हुआ है।
सितारे का छात्र मिलन रामधारी एक पिछड़े समुदाय से आता है। उसके पिता एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर हैं जो रोजी रोटी के लिए राम दिन काम करते हैं। मिलन की जिंदगी उस समय बदल गई जब उसने सितारे फाउंडेशन के लिए प्रवेश परीक्षा पास की। उसने जोधपुर में सितारे फाउंडेशन की शिक्षा पहल के लिए साझीदार स्कूल यूरो इंटरनेशनल स्कूल में दाखिला लिया। वह वर्जिनिया टेक में कंप्यूटर साइंस में स्नातक की पढ़ाई के लिए तैयार है।
सितारे की छात्रा निशा चौधरी ने अपने गांव के बाहर जीवन की कभी कल्पना भी नहीं की थी। निशा अपने परिवार में चार बच्चों में दूसरी सबसे बड़ी है। जब उसकी मां, चाची और चाचा खेतों में काम करते थे, तो वह अपने छोटे भाई बहनों की देखभाल किया करती थी। निशा की आकांक्षा एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने की है और वह अग्रणी टेक्नोलॉजी फर्मों के साथ काम करना चाहती है। उसकी योजना सितारा फाउंडेशन की मदद करने और वंचित तबके की लड़कियों की मदद कर उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने के इस संगठन के मिशन को आगे बढ़ाने की है।
चाय बेचने वाले के घर गरीबी में पैदा हुई तनिशा नागोरी आज यहां तक पहुंचने के लिए अपने रास्ते आने वाली हर अड़चन पार की। उसके समुदाय में लड़कियों को स्कूल जाने से हर तरह से हतोत्साहित किया जाता है। उसकी मां का विवाह 50 साल के एक व्यक्ति से हुआ था और तनिशा के जन्म के समय उसकी मां की उम्र महज 16 साल थी। तनिशा का चयन सितारे प्रोग्राम में होने पर उसकी मां ने यह सुनिश्चित किया कि उसका समुदाय तनिशा की शिक्षा के रास्ते बाधा नहीं बनेगा।
वर्तमान में जोधपुर, जयपुर, अजमेर, भोपाल और इंदौर में सितारे के शैक्षणिक कार्यक्रम में 400 से अधिक वंचित तबके के बच्चों का नाम अंकित है। इस फाउंडेशन ने निजी क्षेत्र के कई उत्कृष्ट स्कूलों के साथ साझीदारी की है जिसके जरिये इन प्रतिभाशाली बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है।

सितारे फाउंडेशन के बारे में
सितारे फाउंडेशन एक राष्ट्रीय स्तर का शैक्षणिक एनजीओ है जो भारत में स्थित है। वर्ष 2016 में स्थापित यह फाउंडेशन शिक्षा की ताकत को एक ऐसा हथियार मानता है जो दुनिया बदल सकता है। शिक्षा के जरिये जीवन और समाज पर असर डालने के लिए एक वैज्ञानिक, कदम दर कदम का दृष्टिकोण अपनाते हुए सितारे फाउंडेशन वर्तमान में 400 से अधिक बच्चों को शिक्षा उपलब्ध करा रहा है और 2050 तक इसका लक्ष्य 50,000 बच्चों को शिक्षित करने का है। अपने साझीदारो के साथ मिलकर यह फाउंडेशन पांच शहरों में काम करता है और कई स्कूलों के साथ यह हमारे समाज में वंचित तबके के काबिल बच्चों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध कराने की अपनी प्रतिबद्धता को विस्तार दे रहा है। इस फाउंडेशन की योजना आने वाले वर्षों में कई और शहरों में अपने कार्यक्रम का विस्तार करने की है।

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