स्किल गेम्स काउंसिल ने भारत में सभी ऑनलाइन स्किल गेम्स पर समान केंद्रीय दिशानिर्देश लागू करने पर जोर दिया

जयपुर, 26 मई, 2022: राजस्थान सरकार ने हाल में सार्वजनिक विमर्श के लिए ‘राजस्थान वर्चुअल स्पोर्ट्स (विनियमन) विधेयक’ नाम से एक ड्राफ्ट जारी किया। बिल में सभी गेमिंग सेवा प्रदाताओं को राज्य में कारोबार करने के लिए लाइसेंस लेने की बात कही गई है। राज्य सरकार ऑनलाइन स्किल-आधारित गेम्स खास कर फंतासी गेम्स के लिए विनियमन कानून लागू करने की योजना बना रही है। इसी सिलसिले में स्किल गेम्स काउंसिल ऑफ इंडिया ने यह सुझाव दिया है कि सरकार सभी ऑनलाइन स्किल गेम्स के लिए बराबर नियम शामिल कर ड्राफ्ट को अधिक समावेशी बनाए और यह केवल फंतासी गेम्स के लिए विनियमन नहीं लाए। स्किल गेम्स काउंसिल ऑफ इंडिया गणमान्य लोगों का एक निष्पक्ष उद्योग निकाय है जो स्किल गेम्स की योग्यता निर्धारित करता है। एसजीसीआई का गठन खास कर गेमर्स और डेवलपर्स समेत इसके सभी भागीदारों के लिए सर्वाेत्तम कार्य प्रक्रियाओं को नियंत्रित और सुनिश्चित करने के लिए किया गया है जो आत्म-नियंत्रण के माध्यम से संभव होता है।
ड्राफ्ट के अनुसार राज्य में ऑनलाइन गेमिंग कारोबार के विनियमन के लिए एक वर्चुअल ऑनलाइन खेल आयोग का गठन किया जाएगा। लाइसेंस और विज्ञापन संबंधी उल्लंघन पर ड्राफ्ट के अनुसार 2 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लग सकता है। वर्तमान में ऑनलाइन गेमिंग पर राज्य में जुर्माने का कोई प्रावधान नहीं है।
इस बिल के ड्राफ्ट के बारे में स्किल गेम्स काउंसिल के प्रमुख सदस्य पूर्व न्यायाधीश विक्रमजीत सेन ने कहा, ‘‘पिछले कुछ समय से स्किल-आधारित ऑनलाइन गेमिंग की वैधता को अदालती निर्णयों ने बरकरार रखा है और अब इस पर एक व्यापक राष्ट्रीय नीति अत्यावश्यक है। राजस्थान सरकार का प्रस्तावित मसौदा ध्यान देने योग्य है क्योंकि केवल फैंटेसी गेमिंग को इस दायरे में शामिल करना अनुचित होगा। हालांकि मैं इस विचार से सहमत हूं कि खिलाड़ियों और डेवलपर्स के अधिकारों की रक्षा आवश्यक है जबकि ऑनलाइन गेमिंग समुदाय के कानूनों और विनियमों पर मंथन में अक्सर उनकी अनदेखी हो जाती है। इस तथ्य के साथ हम सभी यह भी जानते हैं कि इस सेक्टर का विकास इसकी पहुंच, समुदायों को आपस में जोड़ने, शारीरिक खेलों का विकल्प बनने, जीवन के महत्वपूर्ण कौशल जैसे निर्णय लेने, गंभीरता से सोचने और तर्क से काम लेने, अनुशासन के अंदाज पर निर्भर करता है। साथ ही, जिम्मेदार डिजिटल नागरिक बनाने की आवश्यकता है। इसलिए सरकार को यह सलाह दी जाती है कि सभी की बेहतरी के लिए इन तमाम चुनौतियों के समाधान पर ध्यान दे।”
पिछले कुछ वर्षों में भारत में ऑनलाइन स्किल गेमिंग का परिदृश्य बहुत विकसित हुआ है। साल दर साल वृद्धि की दर बहुत तेज रही है। इसलिए कई विशाल निवेशक इसकी ओर आकर्षित हुए हैं। साथ ही, हाल में केंद्र सरकार ने एवीजीसी कार्यबल को बढ़ावा देने के लिए जो घोषणा की है उसके बाद कोई आश्चर्य नहीं कि यह उभरता सेक्टर निस्संदेह तेजी से विस्तार करेगा।। वर्तमान में इस उद्योग में एक कमी देश के सभी ऑनलाइन स्किल गेम्स के लिए प्रगतिशील और नियामक ढांचा का नहीं होना है।
पूर्व अफसरशाह और स्किल गेम्स काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य डॉ. सुतनु बेहुरिया ने बताया, “ऑनलाइन गेमिंग एक सनराइज सेक्टर है और यह रोजगार, युवाओं के लिए तकनीकी कौशल और फिर सरकार के लिए राजस्व बढ़ाने की संभावना से परिपूर्ण है। इस संदर्भ में प्रगतिशील नीतियां बनाने और नियामक ढांचे में सक्षमता का परिवेश बनाना महत्वपूर्ण है। केंद्र सरकार के दिशानिर्देश से तर्कसंगत, देशव्यापी विधायी ढांचे का विकास होगा जिससे राज्यों के बीच भेदभाव रुकेगा। आज ऑनलाइन स्किल गेमिंग एक बहुत ही रोमांचक क्षेत्र है और स्किल गेम्स ना केवल बिना किसी नुकसान मनोरंजन (शांतिपूर्ण सामाजिक ताना-बाना बनाए रखने के लिए जरूरी) करते हैं, बल्कि तकनीकी आधार होने के कारण हमारे संज्ञान का विकास और रोजगार के अवसर भी बढ़ाते हैं। नियामक ढांचा मजबूत होने से कारोबार में सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा और इस सेक्टर को विकास और रोजगार के अवसर पैदा करने में सक्षम बनाएगा।”
भारत में 275 से अधिक गेमिंग कंपनियां, 15,000 से अधिक गेम डेवलपर और लगभग 300 मिलियन गेमर हैं। महामारी के अभूतपूर्व दौर में लोगों ने पारंपरिक खेलों को छोड़ ऑनलाइन गेमिंग का रूख किया। भारत में लॉकडाउन के दौरान इस उद्योग ने 21 प्रतिशत सीएजीआर की बढ़त दर्ज की। ग्राहक लगातार बढ़ते गए। इसलिए उद्योग के अधिक तेजी से बढ़ने और भारत में 2020 में 360 मिलियन से बढ़कर 2025 तक 510 मिलियन ऑनलाइन गेमर होने का अनुमान है। ईवाई की रिपोर्ट में इनमें 85 प्रतिशत मोबाइल गेमर्स होंगे।
राजस्थान सरकार के हाल के ड्राफ्ट बिल पर पूर्व वरिष्ठ अफसरशाह और एसजीसी के एक सदस्य पी.के. मिश्रा ने कहा, “एक समुदाय के तौर पर आत्म-नियंत्रण के साथ गेमिंग सेक्टर के सभी भागीदारों के लिए एक सुविधाजनक परिवेश बनाने की भी आवश्यकता है। यह पारदर्शी और निष्पक्ष हो। एसजीसीआई ने हमेशा जिम्मेदारी के साथ गेमिंग, यूजर की इंटीग्रिटी, खिलाड़ी की सुरक्षा और सदस्य ऑपरेटरों के लिए सर्वाेत्तम प्रक्रियाओं की आवश्यकता को सामने रखा है ताकि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए नैतिकता सुनिश्चित हो। इसलिए बिल का मसौदा तैयार करते समय गेमिंग समुदाय की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए इसमें लगातार सुधार और समरूप करते हुए इसे केंद्र सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप बनाना आवश्यक है।”
ऑनलाइन स्किल गेमिंग के उभरते उद्योग पर इस सेक्टर के 400$ स्टार्ट-अप को सुविधा देने की जिम्मेदारी है और इससे 400$ मिलियन गेमर्स – युवा भारतीय आकर्षित हैं जिन्हें ई स्पोर्ट्स और अन्य गेमिंग व्यवसायों में सफल वैकल्पिक रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। स्किल गेम्स काउंसिल ऑफ इंडिया के उद्देश्यों में ऑनलाइन स्किल गेमिंग उद्योग के सामाजिक-आर्थिक लाभों के बारे में भागीदारों को जागरूक बनाना और अन्य भागीदारों मसलन ऑनलाइन गेमर्स और प्लेयर, गेमिंग डेवलपर्स और पूरे गेमिंग समुदाय के अधिकारों की रक्षा करना शामिल है।

error: Content is protected !!