पण्डित जवाहर लाल नेहरू को समर्पित मासिक अदबी गोष्ठी का आयोजन

जयपुर, 29 मई (वि.)। राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत 29 मई, 2023 को झालाना संस्थानिक क्षेत्र, जयपुर स्थित अकादमी संकुल में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं.जवाहर लाल नेहरू को समर्पित मासिक अदबी गोष्ठी का आयोजन किया गया।

अकादमी सचिव योगेन्द्र गुरनानी ने बताया कि गोष्ठी की अध्यक्षता कोटा के वरिष्ठ साहित्यकार किशन रतनानी ने की। जोधपुर के वरिष्ठ नाट्य निर्देशक हरीश देवनानी ने ’पं.जवाहर लाल नेहरू जी जीवनी ऐं उनजो बालि प्रेम’ विषयक आलेख में पं. नेहरू के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुये बच्चों के प्रति उनके प्रेम को रेखांकित किया। जयपुर की साहित्यकारा नन्दिनी पंजवानी ने ’पं.जवाहर लाल नेहरू जो भारत खे योगदान’ विषयक आलेख में पं.नेहरू द्वारा लोकतांत्रिक समाज की स्थापना, मानवतावाद, शान्ति-सदभावना, धर्म निरपेक्षता आदि के लिये किये गये प्रयासों पर विस्तार से प्रकाश डाला। पार्वती भागवानी ने ’चाचा नेहरूअ खे प्रणाम’’ एवं ’चाचा नहेरू देश जी शान’ विषयक कवितायें प्रस्तुत की। हेमनदास मोटवानी ने पं.नेहरू पर आधारित कविता ’आजाद भारत जो पहिरियों वज़ीरे आज़म पं0जवाहर लाल नेहरू’ प्रस्तुत की।

गोष्ठी में अजमेर के वरिष्ठ साहित्यकार डा.सुरेश बबलानी ने ’’सिन्धी भाषा जूं लिपियूं ऐं हिन्दुस्तान में सिन्धीअ जो आइंदो’’ विषयक आलेख में सिन्धी भाषा की अलग-2 बोलियों एवं लिपियों की कैसे उत्पत्ति हुईघ् पर विस्तार से प्रकाश डाला। वरिष्ठ साहित्यकार टी.आर.शर्मा ने ’सिन्धी भाषा जी अहिमियत ऐं नई टही’ विषयक आलेख मे नई पीढ़ी को सिन्धी भाषा के प्रति रूचि बढ़ाने के उपायों पर प्रकाश डाला। माया वसन्दानी ने ’सिन्धियों की सुरीली गायिका कमला केसवानी’ की गायिका की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। हेमा मलानी ने ’सिन्धियत सां बावस्ता कहाणी-जाग सिन्धी जाग’ आलेख में सिन्धियत के बारे में जानकारी दी और सिन्धी तीज-त्यौहारों पर प्रकाश डाला। कोटा के वरिष्ठ साहित्यकार किशन रतनानी ने ’सिन्धी बाल साहित, कथ्य ऐं किरिदार’ विषयक आलेख में बच्चों को अनुशासित एवं संस्कारित करने के उपायों पर प्रकाश डाला।

गोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार डा.खेमचंद गोकलानी, रमेश रंगानी, लक्ष्मण पुरसवानी, डा.माला कैलाश, कन्हैया लाल मेठवानी, हेमा चंदानी, ज्योति पहलवानी, वीना प्रियदर्शना, महेश किशनानी, योग्यता ईसरानी, कविता ईसरानी तथा सिन्धी भाषी साहित्यकार, पत्रकार, अकादमी के पूर्व सदस्य एवं समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। गोष्ठी का संचालन रमेश रंगानी ने किया।

(योगेन्द्र गुरनानी)
सचिव

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