गहलोत विरोधी विधायक फिर सक्रिय

राष्ट्रपति चुनाव खत्म होते ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ असंतुष्ट गतिविधियां फिर से शुरू हो गई है। असंतुष्टों ने कांग्रेस आलाकमान को साफ कहा कि राज्य में कांग्रेस सरकार और संगठन की स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए मुख्यमंत्री के बारे में शीघ्र निर्णय किया जाए। गहलोत विरोधी विधायकों को उम्मीद है कि इस बार कांग्रेस आलाकमान कोई ठोस निर्णय लेगा और प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन होगा। प्रदेश की राजनीति में गहलोत विरोधी रहे पूर्व सांसद और विधायक कर्नल सोनाराम ने आज ओबीसी आरक्षण के नाम पर मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गहलोत को जाट विरोधी बताते हुए उन्होंने कहा कि जब अशोक गहलोत वर्ष 2003-04 में मुख्यमंत्री थे और विधानसभा चुनाव हुए थे तो उस समय कांग्रेस की सीटें 156 से कम होकर केवल 56 रह गई थी और अब वे फिर मुख्यमंत्री है तो पार्टी की स्थिति काफी खराब है। आज पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा प्रदेश के असंतुष्ट विधायक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, महासचिव राहुल गांधी और अहमद पटेल से मुलाकात कर प्रदेश की पार्टी की खराब स्थिति एवं नेतृत्व परिवर्तन की बात कह कर आए है। अब राष्ट्रपति चुनाव खत्म हो गए तो एक बार फिर दिल्ली जाएंगे। गहलोत को जाट विरोधी बताते हुए उन्होंने कहा कि हाल ही में बने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में एक भी जाट को शामिल नहीं किया गया। आयोग का अध्यक्ष भी जाट विरोधी को बनाया गया है। आयोग के अध्यक्ष इन्द्रसेन इसरानी को हटाने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि अध्यक्ष बनते ही इसरानी ने विवादास्पद बयान दिया जिसमें कहा गया कि जाट,सिख और विश्नोई समाज को ओबीसी में रखने पर पुर्नविचार होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्तमान में ओबीसी में शामिल जातियों को मिले हुए 21 फीसदी आरक्षण के साथ अगर छेड़छाड़ होगा तो बर्दास्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं बिहार,यूपी में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण मिली हुआ है,इसलिए यहां भी 27 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि गुर्जर समाज के दबाव में मुख्यमंत्री 21 प्रतिशत आरक्षण में से गुर्जरों को भी देना चाहते है,अगर ऐसा होता है तो ओबीसी में शामिल मौजूदा जातियां इसे बर्दास्त नहीं करेंगी। राज्य के प्रत्येक जिले में ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति बनाकर आदोंलन किया जाएगा और अगर फिर भी मुख्यमंत्री नहीं मानते है तो जयपुर में महापड़ाव डाला जाएगा। इधर केंद्रीय मंत्री डॉ.सी.पी. जोशी के समर्थक असंतुष्ट विधायक भी सक्रिय हो गए है। जोशी खेमे के विधायक गंगासहाय शर्मा, सी.एल.प्रेमी और गजेन्द्र सिंह शक्तावत ने शुक्रवार को राष्ट्रपति चुनाव में मतदान खत्म होते ही बैठक कर मुख्यमंत्री के खिलाफ मुहिम फिर से शुरू करने का निर्णय लिया। यह विधायक दिल्ली जाकर आलाकमान से मिलेंगे।

error: Content is protected !!