राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा मासिक अदबी गोष्ठी का आयोजन

जयपुर, 31 जनवरी (वि.)। राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा झालाना संस्थानिक क्षेत्र, जयपुर स्थित अकादमी संकुल में बुधवार, 31 जनवरी, 2024 को मासिक अदबी गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता अजमेर की वरिष्ठ साहित्यकार डा.कमला गोकलानी ने की। गोष्ठी में कोटा के वरिष्ठ साहित्यकार किशन रतनानी ने ’गणतंत्र दीहु ऐं असांजो संविधान’ विषयक आलेख में हमारे गणतंत्र एवं संविधान के आज के परिप्रेक्ष्य में उसकी महत्ता का विस्तार से वर्णन किया। जयपुर के वरिष्ठ साहित्यकार हरीश करमचंदानी ने वरिष्ठ साहित्यकार डा.प्रेमप्रकाश को श्रद्धांजलि स्वरूप अपनी कवितायें ’समझौता व वजूद’ प्रस्तुत की। जयपुर की डा.माला कैलाश ने सिन्धी संस्कृति और सिन्धियत की झलक प्रस्तुत करती कहानी ’विरासत नढड़ी सिन्ध’, नन्दिनी पंजवानी ने कविता ’शहीद हेमूं कालानी जी पुकार’, भीलवाड़ा के साहित्यकार डा.एस.के.लोहानी ’खालिस’ ने देश भक्ति से ओत-प्रोत कविता ’मा त खुद भारत आहियां’ प्रस्तुत की।

गोष्ठी में जयपुर के वरिष्ठ साहित्यकार टी.आर.शर्मा ने आलेख ’अमर शहीद हेमूं कालाणी’, जयपुर की माया वसंदानी ने आलेख ’बर्खु शाइरू श्री नारायण श्याम’, अजमेर के जयकिशन गुरबानी ने ’राष्ट्रकवि पदमश्री दादा हूंदराज दुखायल’ विषयक आलेख प्रस्तुत किये। अजमेर की वरिष्ठ साहित्यकारा डा.कमला गोकलानी ने ’’शाइरू ऐं फ़नकार श्री गोवर्धन भारती’’ विषयक अपने आलेख में उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।

इस अवसर पर शैक्षणिक भ्रमण हेतु अकादमी कार्यालय में आये डेक्कन कॉलेज, पूना के व्याख्याता जीवत केसवाणी के साथ भारत के विभिन्न क्षेत्रों के गैर सिन्धी भाषी विद्यार्थी जो सिन्धी भाषा सीख रहें हैं, का अकादमी सचिव ने पुष्पगुच्छ, अकादमी द्वारा प्रकाशित पुस्तकों का सैट एवं पखर ओढ़ाकर सम्मानित किया।

गोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार डा.खेमचंद गोकलानी, रमेश रंगानी, गोबिन्दराम माया, पूजा चांदवानी, कन्हैया लाल मेठवानी, पार्वती भागवानी, हर्षा पंजाबी, प्रिया ज्ञानानी, वंदिता आहूजा, महेश किशनानी, रिचा मेठानी, वासुदेव सोडानी, जीवत केशवानी, विजय माणिकराव, सुवर्णा कांबले, संपत शिंदे तथा सिन्धी भाषी साहित्यकार, पत्रकार, अकादमी के पूर्व सदस्य एवं समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

गोष्ठी के अंत में अहमदाबाद के वरिष्ठ साहित्यकार डा.प्रेम प्रकाश एवं अजमेर के वरिष्ठ साहित्यकार रमेश नारवानी ’नींगर’, साहित्यकार टी.आर.शर्मा की धर्मपत्नी एवं साहित्यकार हरि जे. मंगलानी की धर्मपत्नी के आकस्मिक निधन पर दो मिनट मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। गोष्ठी का संचालन श्रीमती पूजा चांदवानी ने किया।

(योगेन्द्र गुरनानी)
सचिव

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