हर स्कूल-कॉलेज में स्काउट-गाइड की गतिविधियां बढ़े

श्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य के हर स्कूल, कॉलेज में स्काउट-गाइड, रोवर एवं रेंजर की गतिविधियां बढ़े, जिससे नई पीढ़ी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व में निखार आ सके। उन्होंने कहा कि इसके अनुभवों से नौजवान पीढ़ी को जीवन में कामयाबी के अवसर मिलते है।
मुख्यमंत्री आज यहां जगतपुरा में राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाइड प्रशिक्षण केन्द्र में राजस्थान राज्य भारत स्काउट एवं गाइड की 54वीं रोवर मूट एवं 40वीं रेंजर मीट के शुभारम्भ अवसर पर बोल रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ध्वजारोहण किया तथा मार्च पास्ट की सलामी ली। इससे पहले उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्काउट एवं गाइड की गतिविधियां बढ़ाने के लिए सरकार प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इसके लिए बजट में पहली बार 6 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है और इसके अलावा प्राकृतिक आपदा के लिए 1.80 करोड़ रुपये दिये हैं। आवश्यकतानुसार और धन उपलब्ध कराने में सरकार पीछे नहीं रहेगी। श्री गहलोत ने कहा कि स्काउट एवं गाइड की गतिविधियां घर-घर पहुंचे।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी कहा था कि भारत के प्रत्येक घर में बच्चे स्काउट गाइड की तरह प्रशिक्षित हों। श्री गहलोत ने बताया कि आंध्रप्रदेश में वर्ष 1953 में स्काउट-गाइड की पहली जम्बूरी का उ्दघाटन पंडित जवाहर लाल नेहरू ने किया था और समापन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने किया। वर्ष 1986 में बैंगलोर में हुई 10वीं राष्ट्रीय जम्बूरी में स्व. श्री राजीव गांधी स्वयं शामिल हुए। श्री गहलोत ने कहा कि स्काउट-गाइड का प्रारम्भ से ही महत्व है और मैंने स्वयं भी इसमे भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा स्काउट-गाइड से विद्यार्थियों को समाजसेवा, ईमानदारी, स्वावलम्बन, भाईचारा, अनुशासन, आत्म निर्भरता के संस्कार मिलते है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कई कल्याणकारी योजनाएं चला रखी है जिसका लाभ गांव, गरीब और किसान तक पहुंचे। इसमें स्काउट-गाइड अपनी सहभागिता निभायें। श्री गहलोत ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या, महिला उत्पीड़न एवं अत्याचार जैसे मामलों से पूरा देश चिन्तित है। उन्होंने कहा कि महिलाओं का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। श्री गहलोत ने स्काउट-गाइड, रोवर, रेंजर का आह्वान किया कि वे इस दिशा में आगे आकर इसकी रोकथाम के लिए कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम की मुख्य थीम ‘सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा’ रखी गई है। आज सड़कों पर वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ने के साथ सड़क दुर्घटनाओं में भी तेजी आ रही है। इस दृष्टि से इस थीम का बहुत महत्व है।
सूचना एवं जनसम्पर्क मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि यह ऐतिहासिक दिन है जिसमें पिछले 50 वर्षों में पहली बार राजस्थान के करीब 300 कॉलेजों के लगभग 3000 रोवर (लड़के) और रेंजर (लड़किया) इकट्ठे हुए हैं। उन्होंने कहा कि स्काउट-गाइड्, रोवर, रेंजर पूरे समाज के लिए समर्पित रहता है। राज्य सरकार ने सेना और पुलिस के जवानों की शहादत पर उनके आश्रितों को सहायता देने के लिए शानदार पैकेज दिया है। डॉ. सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने कई जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई हुई हैं जिसका लाभ घर-घर पहुंचे। इसके लिए स्काउट-गाइड को व्यक्तिशः रूचि लेकर गांव-शहर के अंतिम छोर पर बैठे लोगों तक इन योजनाओं का लाभ पहुंचाने का संकल्प लेना होगा।
स्टेट चीफ कमिश्नर श्री निरंजन आर्य ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने स्काउट-गाइड, रोवर्स, रेंजर्स पर विशेष ध्यान दिया है जिससे प्रदेश में नये सोपान स्थापित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पहली बार स्काउट-गाइड को सर्वाधिक बजट उपलब्ध कराया है। जयपुर में जम्बूरी कार्यक्रम के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री के प्रयासों से केन्द्र सरकार से एक करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध हुई। उन्होंने बताया कि स्काउट-गाइड, रोवर एवं रेंजर की संख्या अब 5 लाख से बढ़कर 8 लाख हो गई है। उन्होंने कहा कि इस साल सामाजिक सेवा के रूप में स्काउट-गाइड कार्य करेगा जिसमें मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना, पेंशन योजना, पशुओं को निःशुल्क दवाई उपलब्ध कराने जैसे कार्य हाथ में लिये जायेंगे। उन्होंने बताया कि इससे पहले 2 वर्षों में स्काउट-गाइड ने प्रदेश में 11 लाख पौधे लगाये तथा रक्तदान करने का अभूतपूर्व कार्य किया है।
स्टेट कमिश्नर रोवर श्री नवीन जैन ने शिविर का परिचय दिया।
इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें अलवर जिले के रेंजर्स ने कठपुतली नृत्य तथा उदयपुर संभाग के रेंजर्स द्वारा चरी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। विनायक महाविद्यालय ने लोकनृत्य तथा कनोडिया महिला महाविद्यालय की रेंजर्स ने नृत्य वाटिका की शानदार प्रस्तुति दी।

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