कांग्रेस चिंतन शिविर में शामिल होंगे राज्यमंत्री, पदाधिकारी

कांग्रेस चिंतन शिविर में अब केंद्रीय राज्यमंत्री, युवक कांग्रेस एवं एनएसयूआई के राष्ट्रीय पदाधिकारी भी शामिल होंगे। आलाकमान ने इस निर्णय से आयोजन की तैयारियों में जुटे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अवगत कराया है। पहले कांग्रेस अध्यक्ष, प्रधानमंत्री, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री, एआईसीसी पदाधिकारी, कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य, कांग्रेस विधायक दल के नेता, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और अग्रिम संगठनों के अध्यक्षों सहित 1300 प्रतिनिधि ही शामिल होने थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़ गई है। हालांकि पार्टी के एक अग्रिम संगठन महिला कांग्रेस से केवल राष्ट्रीय अध्यक्ष को ही चिंतन शिविर में आमंत्रित किया गया, जबकि युवक कांग्रेस एवं एनएसयूआई के राष्ट्रीय पदाधिकारियों को शिविर में बुलाया गया है, इन्हें प्रतिनिधियों की सूची में शामिल करने का निर्णय भी शनिवार को ही हुआ।

जानकारी के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को आयोजन समिति अध्यक्ष मोतीलाल वोरा को कैबिनेट मंत्री के अधीन काम करने वाले राज्यमंत्रियों को भी शिविर में बुलाने के लिए कहा है।

वोरा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बढ़ने वाले प्रतिनिधियों के नामों से अवगत कराया और उसके बाद उनके आवास एवं अन्य व्यवस्थाएं की जा रही है। शिविर की तैयारियों का जायजा लेने वोरा एवं कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक का 16 जनवरी को जयपुर आने का कार्यक्रम है। इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विरोधी शिविर में कांग्रेस आलाकमान की मौजूदगी का फायदा उठाने की रणनीति बना रहे है।

गहलोत विरोधी एक दर्जन विधायकों ने सोमवार को आपस में चर्चा कर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, महासचिव राहुल गांधी से मुलाकात का समय मांगने का निर्णय किया। गहलोत विरोधी ये विधायक एक ज्ञापन तैयार कर रहे है, जिसमें गहलोत के खिलाफ जाट विरोधी होने, एक समूह विशेष से घिरे रहकर मूल कांग्रेसजनों को सत्ता एवं संगठन से दूर रखने सहित कई बिन्दुओं का उल्लेख किया गया है।

गहलोत विरोधी विधायक उदयलाल आंजना, कर्नल सोनाराम, दोलतराज नायक, रामलाल, गंगासहाय शर्मा सहित एक दर्जन विधायक चिंतन शिविर से एक दिन पूर्व 17 जनवरी को जयपुर में एकत्रित होकर आगे की रणनीति तय करेंगे।

सरकारी मशीनरी का उपयोग

कांग्रेस चिंतन शिविर के लिए प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार सरकारी मशीनरी का जबरदस्त दुरुपयोग कर रही है। राजस्थान प्रशासनिक सेवा एवं पुलिस सेवा के 40 अधिकारियों को प्रोटोकोल में लगाया गया है, ये शिविर में शामिल होने वाले नेताओं के साथ रहेंगे।

मुख्यमंत्री के निकट माने जाने वाले दस आईएएस अधिकारी पहले से ही शिविर की तैयारियों पर नजर रखे हुए है, ये अधिकारी 18 से 24 जनवरी तक सचिवालय, सीएमओ में बैठकर पूरी व्यवस्था पर निगरानी रखेंगे। शिविर में शामिल होने वाले प्रतिनिधियों के लिए भारतीय पर्यटन एवं राज्य पर्यटन विकास निगम की होटलें 15 जनवरी से ही खाली रखी गई है। पहले से ही घाटे में चल रहे राज्य पर्यटन विकास निगम को इस कारण प्रतिदिन तीन लाख रुपए का नुकसान होगा, जिन होटलों में पहले से बुकिंग थी, वे निरस्त कर दी गई।

राज्य परिवहन विभाग के अधिकारियों को दो सौ लग्जरी कारों की व्यवस्था का जिम्मा सौंपा गया वहीं राज्य मोटर गैरेज की सरकारी कारें भी ड्यूटी में तैनात रहेंगी।

सूत्रों के मुताबिक मोटर गैरेज के माध्यम से दस नई कारों की खरीद भी की गई है। शिविर के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण, नगर निगम के अधिकारी जयपुर के सरकारी भवनों, उद्यानों की साज-संवार में जुटे है

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