अल्पसंख्यक सम्मेलन ने बढ़ाई कांग्रेस की बैचेनी

जयपुर कांग्रेस चिंतन शिविर से एक दिन पूर्व गुरूवार को होने वाले मुस्लिम संगठनों के सम्मेलन ने पार्टी नेतृत्व में बैचेनी बढ़ा दी है। चिंतन शिविर स्थल बिड़ला ऑडिटोरियम के ठीक सामने हो रहे कई मुस्लिम संगठनों ने इस सम्मेलन में गोपालगढ़ और सूरवाल प्रकरण में पीडि़तों को न्याय नहीं मिलने, मुस्लिम आरक्षण जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। मुस्लिम संगठनों के सम्मेलन को लेकर कांग्रेस की चिंता यह है कि शिविर में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, महासचिव राहुल गांधी सहित कांग्रेस के सभी बड़े नेता मौजूद रहेंगे। ऐसे में राजस्थान सरकार और पार्टी इस कोशिश में है कि कोई ऐसा मुद्दा न उठे जो सरकार और संगठन के लिए परेशानी बने। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी गोपालगढ़ मामले को खुद काफी सक्रिय रहे है। पिछले साल दस सितम्बर को एक तालाब को लेकर हुए विवाद और पुलिस फायरिंग में मुस्लिम समाज के दस लोगों की मौत के बाद राहुल गांधी ने खुद गोपालगढ़ का दौरा किया और मृतकों के परिजनों से मिले थे। उत्तर प्रदेश और हरियाणा से सटे भरतपुर के गोपालगढ़ में हुए इस घटनाक्रम को लेकर सोनिया और राहुल काफी चिंतित है। पार्टी आलाकमान तक यह जानकारी पहुंची है कि गोपालगढ़ मे दस लोगों की मौत से राजस्थान ही नहीं बल्कि यूपी और हरियाणा के मुस्लिम समाज में काफी नाराजगी है। अब चिंतन शिविर से एक दिन पहले हो रहे अल्पसंख्यक सम्मेलन ने अशोक गहलोत सरकार से अधिक चिंता तो कांग्रेस आलाकमान की बढ़ा दी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल और प्रदेश प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक ने अल्पसंख्यक सम्मेलन को लेकर मुख्यमंत्री से जानकारी मांगी। दोनों नेताओं ने मुख्यमंत्री से कहा बताया कि वे इस बात की व्यवस्था करें कि चिंतन शिविर से ठीक एक दिन पहले होने वाले अल्पसंख्यक सम्मेलन से कहीं पार्टी विरोधी संदेश नही जाए। आलाकमान से मिले संदेश के बाद मुख्यमंत्री ने सम्मेलन आयोजकों से सम्पर्क तो साधा था, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकले। गौरतलब है कि कांग्रेस के लिए गोपालगढ़ और सूरवाल प्रकरण कांग्रेस सरकार के लिए कमजोर कड़ी है। पार्टी और सरकार नहीं चाहते कि इन दोनों विवादास्पद मुद्दों को इस समय तूल मिले। अगर ये मुद्दे अभी चर्चा में आते हैं तो पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं के सामने पार्टी और सरकार की छवि प्रभावित होगी। चुनावी साल में ये मुद्दे कांग्रेस के वोट बैंक को भी प्रभावित कर सकते है। इस सम्मेलन के लिए कांग्रेस के अल्पसंख्यक नेताओं को भी बुलाया गया है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान ने पार्टी के अल्पसंख्यक नेताओं से आग्रह किया है कि वे पार्टी से जुड़े नेताओं को सम्मेलन से दूर रखने में सहयोग करें। इधर अल्पसंख्यक संगठन जमीयत उलमा ए हिंद के महासचिव अब्दुल वाहिद खतरी ने बताया कि सम्मेलन में दस हजार लोग शामिल होंगे। सम्मेलन को विश्व प्रसिद्ध अजमेर दरगाह दीवान, इंसाफ कांफ्रेंस के नेता महमूद मदनी सहित आधा दर्जन नेता संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा कि गोपालगढ़, सूरवाल मामला, मुस्लिम आरक्षण, गोपालगढ़ मामले में मुख्यमंत्री की लिप्तता का आरोप गंभीर है।

error: Content is protected !!