गोदारा हत्याकाण्ड का छ: साल बाद राजफास

डीडवाना / साल 2006 मे हुऐ नागौर जिले के डीडवाना के बहुचर्चित जीवन गोदारा हत्याकाण्ड का आज छ: साल बाद राजफास हो गया है और हत्याकांड से भी पर्दा उठ गया है ।हत्याकांड के मुख्य आरोपी आनंदपाल सिंह बीते सात दिन से पुलिस रिमांड पर था इस दौरान पुलिस पूछताछ में आरोपी ने हत्याकांड को लेकर कई राज उगले है । आरोपी आनंदपाल सिंह ने पुलिस पूछताछ में बताया की जीवन गोदारा के बीच आपसी रंजिश को लेकर ह्त्या की ।आरोपी आनंदपाल सिंह ने ह्त्या में प्रयुक्त हत्यारों की भी पुलिस के सामने पुष्टि कर दी है पुलिस के अनुसार गोदारा हत्याकांड में एक कार्बाइन सहित दो बारह बोर बन्दुक काम में ली गयी थी और हत्याकांड को अंजाम देने में पांच लोग शामिल थे । और घटना के बाद सभी लोग मोके से फरार हो गये । पुलिस ने आज दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर फिर से रिमांड मांगा कोर्ट ने आरोपी के अपराध को देखते हुए 21 जनवरी तक का रिमांड और बढ़ा दिया है इस दौरान पुलिस हत्याकांड से जुड़े बाकि पहलुओ पर जाँच करेगी ।और पुलिस एटीस व एसओजी के साथ मिलकर बाकि मामलो की भी जाँच करेगी और ह्त्या में प्रयुक्त हथियारों को भी बरामद करेगी । हम आपको बतादे की 27 जून 2006 को नागौर जिले के डीडवाना के गोदारा मार्किट में जीवन गोदारा नाम के युवक को उसकी ही दूकान में सरेआम फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया गया था घटना में जीवन गोदारा के साथ हरफूल जाट की भी मोत हो गयी थी और दूकान में बेठे अन्य तीन लोग भी गंभीर घायल हुए थे और उसके बाद विरोध में डीडवाना तीन दिन तक बंद रहा और जाट समाज ने गोदारा और हरफूल जाट की ह्त्या के विरोध में लम्बा आन्दोलन और प्रदर्शन किया था ।
जीवन गोदारा हत्याकांड ने एक समय सत्ताधारी वसुंधरा सरकार को हिला कर रख दिया था । मामले मे आरोपियो की गिरफ्तारी की मांग की गूंज राजस्थान विधानसभा तक उठी थी । इस मुक़दमे में 15 आरोपी तय किये गए थे जिनमे से 12 को पूर्व मे गिरफ्तार किया जा चुका था और को एक को बरी कर दिया था और मामले के मुख्य आरोपी आनंदपाल सिंह औऱ उसका सहयोगी दातार सिंह पिछले 6 साल से प्रदेश की पुलिस को गच्चा दो रहे थे । इन 6 साल मे आंनदपाल ने पूरे प्रदेश मे कई वारदातों को अंजाम दिया लेकिन पुलिस उसे किसी भी मामले मे पकड़ नही पाई थी बीते साल नवम्बर महीने में आंनदपाल सिंह औऱ सहयोगी दातार सिंह को जयपुर पुलिस और एसओजी की संयुंक्त टीम ने फागी से गिरफ्तार किया था |
-हनु तंवर “निःशब्द”

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