राहुल बने उपाध्यक्ष

राजनीतिक अटकलों का महा सस्पेंस खत्म हो गया और कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी का उपाध्यक्ष बना दिया गया है। जयपुर में चल रहे कांग्रेस के चिंतन शिविर के दौरान शनिवार देर शाम हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक एके एंटनी ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा। जिस पर सभी सदस्यों ने सहमति जताई। उसके बाद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी और फिर राहुल गांधी ने भी यह पद स्वीकार कर लिया। पार्टी के मीडिया विभाग के अध्यक्ष जनार्दन द्विवेदी ने इसकी औपचारिक घोषणा की।

राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाने की खबरों से उत्साहित युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चिंतन शिविर के आस पास आतिशबाजी एवं ढोल-नगाडे बजाकर खुशी का इजहार करना शुरू कर दिया। राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे सुनाई पड़ने लगे।

मालूम हो कि अगले आम चुनाव के लिए जादू की छड़ी तलाश रही कांग्रेस के हरनेता ने ठोस मुद्दों को लेकर बुलाए गए अपने चिंतन शिविर को राहुल शिविर में तब्दील कर दिया और उन्हें कभी कार्यवाहक अध्यक्ष तो कभी कार्यकारी अध्यक्ष और कभी महासचिव बनाए जाने की अटकलों के धमाके गूंजते रहे।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि 2014 के आम चुनाव की रणनीति के लिए गठित पार्टी की समिति के अध्यक्ष राहुल गांधी हैं और इससे उनकी अहम जिम्मेदारी पहले ही स्पष्ट हो चुकी है। अलबत्ता उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा युवा नेतृत्व को तरजीह दी है। उन्होंने गिनाया कि कांग्रेस ने मौलाना आजाद को युवावस्था में अध्यक्ष बनाया था। उन्होंने कहा कि खुद मैं भी जब मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बना तो मेरी उम्र महज 38 साल थी।

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