धर्म के बिना मुक्ति नहीं: विरागसागर महाराज

विशाल गजरथ महोत्सव में जबरदस्त भीड़ उमड़ी
कोटड़ी, धर्म के बिना मुक्ति संभव नहीं है जिसने धर्म का मार्ग नहीं किया उसे कभी जन्म-जन्मान्तर के बंधन से मुक्ति नहीँ मिल सकती। सच्ची श्रद्धा व आस्था से प्रभू का स्मरण करने वाला ही सच्चा भक्त कहलाता है। कोई भी बड़े से बड़ा व्यक्ति हो जब तक धर्म में विश्वास नहीं करेगें उसे सफलता नहीं मिल सकती। उक्त विचार मुख्यालय पर आयोजित किए जा रहे मज्जिनेन्द्र अदिनाथ जिन बिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं गज रथ महोत्सव के अंतिम दिन दिगंबर जैन समाज के गणाचार्य श्रीविराग सागर जी महाराज ने कहे।
उन्होने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि लौकिक संख तथा आध्यात्मिक सुख के लिए धर्म मार्ग पर ही चलना होगा। साथ ही धर्म में जाने का मार्ग बताने वाले सन्तों की सेवा में हमेशा तत्पर रहने पर जोर दिया। वहीं गणिनी श्रमणी विन्ध्यश्री माताजी ने कहा कि सभी श्रावक एकसाथ रह कर समाज हित में काम करने तथा भगवान महावीर के उपदेश को जीवन मेंउतारने पर ही जीवन सफल है। अर्यिका विद्वतश्री माताजी ने श्रद्धा से प्रभू स्मरण करने वाले का काम नहीं रूकने की बात पर विस्तार से बताया। विशाल एतिहासिक गजरथ महोत्सव के बारे में गणाचार्य ने बताया कि अब तक राजस्थान में यह कार्यक्रम मात्र दूसरी बार आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव के अन्तिम दिन जिले के अलावा अन्य बाहर के भी बड़ी संख्या में उपस्थित रह कर गजरथ का आनन्द उठाया। गजरथ के दौरान गणाचार्य विराग सागर जी महाराज, गणिनी आर्यिका विन्ध्यश्री माताजी के अलावा 75 पिच्छी संतो का विशाल संघ के साथ ही श्रावक, श्राविकाओं का झुण्ड देख कर लोग काफी आनन्दित हो रहे थे। महिला तथा पुरूषों को एक जैसी पौषाक में सजेधजे नजर आए। वहंीं शाम को सभी प्रतिमाओं को उत्साह के साथ मंदिर में पंहुचाया जहां शनिवार को प्रतिमाओं को स्थापित एवं कलश धारण कराए जाएंगे। लोगों ने भगवान के माता-पिता, इन्द्र-इन्द्राणी के  साथ ही अन्य आयोजनों में खुल कर भाग लिया। वहीं दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष जयकुमार सेठी एवं प्रतिष्ठा महोत्सव के अध्यक्ष नरेश कुमार गोधा का समाज के द्वारा सम्मान किया गया।
-मूलचंद पेसवानी 

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