राजस्थान कांग्रेस पर राहुल की सीधी नजर

इस साल के अंत में होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिहाज से भाजपा ने जहां वसुंधरा राजे को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट कर दिया, वहीं कांग्रेस में भी हलचल शुरू हो गई। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर बनाई जाने वाले रणनीति की कमान खुद के हाथ में संभाली है और अगले माह तक चुनावी रणनीति के लिहाज से प्रदेश कांग्रेस में बड़े बदलाव की तैयारी की जा रही है।

वसुंधरा राजे के आक्रामक अंदाज में प्रचार अभियान शुरू करने की रणनीति की काट में कांग्रेस में पिछले तीन दिन से विचार-मंथन का दौर चल रहा है। राहुल गांधी ने तीन दिन में राज्य के एक दर्जन नेताओं से चुनावी रणनीति को लेकर चर्चा की है। चुनाव को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान उन सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है जो पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो सकते है। इसके तहत प्रदेश कांग्रेस का प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक के स्थान पर अंबिका सोनी को बनाने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

सात साल से राजस्थान के प्रभारी महासचिव का काम देख रहे मुकुल वासनिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निकट माने जाते है, वे गहलोत के फायदे के लिहाज से ही आलाकमान को फीडबैक देते रहे है, यह बात अब कांग्रेसी नेताओं के माध्यम से राहुल गांधी तक पहुंची तो प्रभारी महासचिव बदलने को लेकर कसरत शुरू हुई।

कांग्रेस के एक राष्ट्रीय महासचिव ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि राहुल गांधी राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर काफी फिक्रमंद है। चिंतित राहुल अपने विश्वस्त केन्द्रीय मंत्री डॉ.सी.पी.जोशी,सचिन पायलट और सांसद ज्योति मिर्धा को चुनाव अभियान की कमान सौंपने की तैयारी कर रहे है। इन तीनों नेताओं की अगुवाई में चुनाव अभियान समिति और वरिष्ठ नेताओं की कोर कमेटी गठित होगी।

पिछली बार भी जोशी के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए ही कांग्रेस सत्ता में आई और लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 25 में से 20 सीटें हासिल करने में कामयाब रही।

प्रदेश की राजनीति में प्रभाव रखने वाले जाट मतदाताओं को पार्टी से जोड़े रखने के लिए दिग्गज जाट नेता स्व. नाथूराम मिर्धा के परिवार की सदस्य सांसद ज्योति मिर्धा को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। सचिन पायलट बेदाग छवि के नेता के रूप में जाने जाते है और इनके पिता स्व.राजेश पायलट का राज्य में काफी प्रभाव रहा है, पार्टी इसका भी फायदा लेने की तैयारी कर रही है। चुनाव के लिहाज से होने वाले फेरबदल के तहत सबसे पहले प्रभारी महामंत्री और फिर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बदलाव की तैयारी की जा रही है।

मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष डॉ.चन्द्रभान के स्थान पर किसी अन्य नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा। वहीं अशोक गहलोत मंत्रिपरिषद में जातिगत और क्षेत्रीयता को ध्यान में रखकर बदलाव होंगे। उप मुख्यमंत्री का नया पद भी सृजित किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने पिछले कार्यकाल में भी चुनावी साल में मंत्रिपरिषद में बदलाव किया था, उस समय दो उप मुख्यमंत्री बनाए गए थे। राजनीतिक नियुक्तियों के माध्यम से कार्यकर्ताओं को खुश करने और मुख्यमंत्री, मंत्रियों के निरंतर जिलों के दौरों पर रहने के निर्देश भी आलाकमान की ओर से पिछले दिनों दिए गए और इन पर अमल भी शुरू हो गया।

वसुंधरा राजे के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी के निर्देश पर प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारियों एवं जिला अध्यक्षों की दस फरवरी को जयपुर में बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में बदले हालात को लेकर रणनीति बनेगी।

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