तेजाजी मंदिर में पैनोरोमा का काम हम पूरा करेंगे-राजे

नागौर। वीर तेजा महिला शिक्षण एवं शोध संस्थान वार्षिक उत्सव व शिलान्यास समारोह को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्रीमती वसुंधरा राजे ने संबोधित करते हुए कहा कि वीर तेजाजी एक ऐसे लोक देवता है, जिन्हें सभी जाति धर्म के लोग मानते हैं, मुझे खुशी है कि वीर तेजाजी मंदिर खरनाल में पैनोरोमा के लिए 50 लाख रुपये हमने दिये थे, लेकिन ये सरकार उस काम को भी पूरा नहीं कर पाई। लगता है जिसे अब हम ही पूरा करेंगे।
उन्होंने कहा कि नागौर जिले में पेयजल की समस्या को देखते हुए हमनें पेयजल योजना स्वीकृत की थी, जिससे 1384 गांव तथा 11 कस्बों को पानी मिलना था। इसके पहले चरण में 502 गांव तथा 5 कस्बे नागौर, बासनी, मुण्डवा, कुचेरा एवं मेड़ता को लाभ मिलना था। इसके लिये 761 करोड़ रुपये की स्वीकृति जारी कर दी थी। नागौर तक हमने हमारे समय में ही मीठा पानी पहुंचा दिया था, परन्तु मुझे जानकारी मिली है कि उसके बाद में इस योजना में एक इंच भी पाईप आगे नहीं बढ़ाया। किशनगढ़ से रतनगढ़ मेगाहाइवे का निर्माण किया। इस हाइवे का सबसे अधिकतम लाभ नागौर जिले को मिला। इसमें नागौर जिले में 130 करोड़ की लागत से 124 किलोमीटर लम्बा मेगा हाइवे का निर्माण हुआ और इसमें परबतसर, कुचामन, मकराना, डीडवाना, लाडनू आदि कस्बे जुड़ते है। हमारे लिये ये भी एक सुखद पहलू है कि इस शिक्षण संस्था का नाम भी वीर तेजाजी के नाम पर ही रखा हुआ है। इसीलिये सभी जाति एवं धर्म की ग्रामीण बालिकाओं को बेहतर शिक्षा मुहैया कराना और उन्हें अपने पांव पर खड़ा इस संस्था का मूल उद्देश्य है। ऐसे नेक मकसद से स्थापित किये गये इस संस्थान के वार्षिकोत्सव और शिलान्यास समारोह में उपस्थित होकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। मैं आभारी हूं वीर तेजा महिला शिक्षण एवं शोध संस्थान की जिसने मुझे इस सुन्दर कार्यक्रम में आने का मौका दिया। जहां आकर मुझे भी मेरा छात्र जीवन याद आ गया।
यह भी प्रसन्नता का विषय है कि यहां बालिकाओं को पांचवी कक्षा से लेकर कॉलेज, तकनीकी और व्यवसायिक शिक्षा के साथ-साथ संगीत, पाकशास्त्र, खेलकूद की भी अच्छी तालीम दी जाती है, ताकि ग्रामीण बालिकाओं का सर्वांगीण विकास हो सके। बालिकाओं के लिये यहां बीएड कॉलेज का होना भी महत्वपूर्ण है। हमारे लिये यह भी गर्व की बात है कि यहां की जिमनास्टिक टीम ने कई राज्य स्तरीय ओपन टुर्नामेन्ट में प्रथम स्थान प्राप्त किये है। वीर तेजाजी महिला शिक्षण एवं शोध संस्थान की स्थापना 1996 में पूर्व सांसद एवं पूर्व मंत्री स्व. श्री भंवर सिंह जी डांगावास ने की थी। मुझे याद है कि इस संस्थान में स्व. श्री भैरो सिंह जी शेखावत साहब भी आये थे। आज वे दोनों हमारे बीच नहीं है, मैं उन्हें भी इस अवसर पर स्मरण करना चाहूंगी। बिना शिक्षा के हमारा जीवन अधूरा है। पुरूषों के लिये ही नहीं, बल्कि महिलाओं के लिये भी अब शिक्षा बहुत जरूरी हो गई है। मैं भी आप ही के बीच से निकली आपकी बहू हूं। जिसे इस प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला।
यहां हमारी बहन कृष्णा पूनिया बैठी है, खेल जगत में जो इन्होंने नाम कमाया है, वो किसी से छिपा नहीं है। इन्होंने अपना, अपने माता-पिता का और राजस्थान का नाम रोशन किया है। आज शिक्षा की ही बदौलत श्रीमती प्रतिभा पाटील राष्ट्रपति जैसे पद पर पहुंची है। श्रीमती मीरा कुमार लोकसभा की स्पीकर हैं। श्रीमती सुषमा स्वराज लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष है। और हमारे प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती मारग्रेट अल्वा भी महिला ही है। अन्तरिक्ष विज्ञान में सुश्री कल्पना चावला के योगदान से आप सभी परिचित हैं। हमें इन सबसे प्रेरणा लेना चाहिए। मुझे दिल से खुशी तब होगी जब इस संस्थान की बालिकाएं भी देश और दुनिया में अपना नाम रोशन करेंगी। इसलिये मैं आपको बताना चाहती हूं कि बालिकाएं ही कल के भविष्य का आधार है। एक मां, बेटी, बहिन और बहू के रूप में उन पर बहुत जिम्मेदारियां होती हैं।
आप सब बहने जानती है कि दिसम्बर 2003 में जब मुझे राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला था तो मैंने उसी वक्त एक प्रण कर लिया था कि मैं मेरी बहनों के लिए हर हाल में कुछ करूंगी। मेरा सपना था कि मेरी बहनों का मस्तक गर्व से हमेशा ऊंचा रहे। वे स्वावलम्बी बने। मुझे इस बात की खुशी है कि पंचायतराज और नगरीय विकास संस्थाओं में 50 प्रतिशत आरक्षण देने का पहला फैसला इस देश में सबसे पहले हमारी सरकार ने ही लिया था। आज संविधान के 73 वें और 74वें संशोधन केे बाद प्रदेश में पंचायतीराज संस्थाओं और स्थानीय निकायों में महिलाओं के आरक्षण की व्यवस्था हो गई, तो वार्ड पंच से लेकर जिला प्रमुख पदों पर और वार्ड मेम्बर से लेकर मेयर तक के पदों पर महिलाएं बेहतर ढंग से अपना कर्तव्य निभा रही हैं। राजकीय सेवाओं और अन्य क्षेत्रों में वे पुरुषों से किसी भी तरह से पीछे नहीं है।
आज मैंने जब इस संस्थान की छात्राओं का जज्बा देखा तो लगा जैसे वे कह रही हो, हम किसी से कम नहीं। लेकिन महिलाएं जब तक शिक्षित नहीं होंगी, वे आगे नहीं बढ़ सकेंगी। इसीलिये मैंने जब अपनी सरकार थी, महिला शिक्षा बढ़ावा देने की पूरी कोशिश की। स्कूटी, साईकिल, मुफ्त वाउचर और मुफ्त बालिका शिक्षा जैसी योजनाओं के माध्यम से हमने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने का पूरा प्रयास किया। इन योजनाओं के नतीजे भी बेहतर आये। यहां तक की कई राज्यों ने हमारी इन योजनाओं का अनुसरण किया।
लेकिन प्रदेश के हाल शिक्षा के क्षेत्र में धीरे-धीरे बिगड़ते जा रहे हैं। ताज्जुब होगा यह जानकर कि हमारे प्रदेश में कक्षा 3 के एक तिहाई बच्चे हिन्दी तक पढऩा नहीं जानते। योजना आयोग में राजस्थान की प्रभारी सईदा हमीद ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में राजस्थान को देश का सबसे खराब प्रदेश बताया है। शिक्षा में जो बिहार हमसे पीछे था आज आगे हो गया है। महिला साक्षरता में पूरे देश में हम सबसे पीछे है। राजस्थान के 32 फीसदी सरकारी स्कूलों में बच्चों को पीने का पानी ही नहीं मिल रहा है। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षा में हमारा प्रदेश देश में 24वें स्थान पर आ गया है। यह केन्द्र का योजना आयोग कह रहा है। मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान उच्च शिक्षा में भी पिछड़ गया है। एक तो राजस्थान में वैसे ही रोजगार के अवसर कम है और दूसरा शिक्षा में पिछड़ जाने की वजह से हमारे नौजवान भटक जाते हैं। बढ़ते अपराधों के पीछे जो सच सामने आ रहा है, वह मुख्य रूप से बेरोजगारी और अशिक्षा है। एमबीबीएस की डिग्री 30 हजार, एमडी की डिग्री 35 हजार रुपयों में आज सरे आम बिक रही है। शिक्षा के गिरते स्तर के बावजूद सरकार ने आठवीं तक की परीक्षाओं में सब बच्चों को पास करने का आदेश कर दिया है। जब बच्चे बिना पढ़े ही पास हो जायेंगे तो वो क्यों किताबें हाथ में लेंगे। इससे हमारे बच्चों का भविष्य बिगड़ रहा है। खासकर गांवों के स्कूलों में पढ़ रहे हमारे बच्चों का भविष्य सरकार के इस नियम से बिगड़ रहा है। वे प्रतिस्पर्धा की दौड़ में निश्चित रूप से पिछडेंग़े।
अब मैं मेरी महिला बहनों की सुरक्षा को लेकर बात करना चाहूंगी। आज जो हालात हर दिन देखने को मिल रहे हैं, उससे लगता है, नारी जाति का अस्तित्व ही खतरे में है। ये महिलाओं को लिये एक गंभीर चुनौती है। पहले सुबह-सुबह अखबार के फ्रंट पेज पर महिलाओं के विकास की खबरें होती थी, उनके आसमान छूने की खबरें होती थी। लेकिन अफसोस आज हर दिन राजस्थान में अखबारों के फ्रंट पेज पर मासूम बच्चियों से दुष्कर्म की खबरें छपी होती है। राजस्थान में तेजी से बढ़ रही दूध पीती बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं बहुत चिंता जनक है। दिल्ली में हुई शर्मनाक घटना के बाद तो पूरा देश सन्न है। लेकिन अफसोस हमारे राजस्थान में उस घटना के बाद भी सामुहिक दुष्कर्म और मासूमों के साथ ज्यादती के मामले तेजी के साथ बढ़ते जा रहे हैं। आज महिला उत्पीडऩ में भी राजस्थान देश में चौथे स्थान पर पहुंच गया है। रिश्वत के रूप में अस्मत मांगे जाने की घटनाएं बढ़ती जा रही है। पुलिस थानों में बाप के सामने बेटी के साथ दुष्कर्म किया जा रहा है। देश में हर 20 मिनट में एक बलात्कार हो रहा है। जनगणना के आकड़े बता रहे है कि राजस्थान में भ्रूण हत्याएं तेजी के साथ बढ़ रही है। ऐसी घटनाएं रोकने के लिए नारी जाति को एकमुखी होकर संघर्ष करना होगा। राजनीति से ऊपर उठकर नारी के सम्मान के लिये संघर्ष करना होगा। वीर तेजाजी का आशीर्वाद और आप सबका साथ रहा तो हम निििश्चत रूप से हर जंग जीत कर रहेंगे। फिर राजस्थान की नारी के ही नहीं, यहां के किसान, यहां के नौजवान और यहां के हर वर्ग के चेहरों पर मुस्कान लौटेगी। फिर से हम एक नया राजस्थान बनायेंगे। ऐसा राजस्थान जिसमें स्वाभिमान होगा, सम्मान होगा, समर्पण होगा और विकास को अग्रसर यहां का हर इंसान होगा। आपने मुझे चुनरी ओढाई, मैं आपकी लाज रखूंगी। लेकिन चुनरी ओढाने वाले का भी दायित्व है। आपको भी मेरी लाज रखनी होगी। क्योंकि मैं आपके परिवार की ही हूं। आखिर में महिलाओ को मैं यही कहना चाहूंगी –
बिजली जब चमकती है, तो आकाश बदल देती है,
आंधी जब उठती है, तो दिन रात बदल देती है।
धरती जब दरकती है, तो सीमान्त बदल देती है,
और नारी जब गरजती है, तो इतिहास बदल देती है।

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