राष्ट्रपति की मौजूदगी में वायुसेना करेगी सबसे बड़ा युद्धाभ्यास

vayuजयपुर । राजस्थान की धरती ऐसे तो कई युद्ध और युद्धाभ्यासों की गवाह है, लेकिन कल का दिन राजस्थान के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा, क्योंकि इस दिन भारतीय वायुसेना राजस्थान के पोकरण और चांधण फील्ड फायरिंग रेंज में अब तक का सबसे बड़ा अभ्यास करने जा रही है।

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, रक्षामंत्री ए.के. एंटनी, राजस्थान की राज्यपाल मार्गेट आल्वा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी सहित 50 देशों के रक्षामंत्री और रक्षा विशेषज्ञ युद्धाभ्यास के समय मौजूद रहेंगे। देश में पहली बार होने वाले दिन-रात के युद्धाभ्यास में 100 से ज्यादा लड़ाकू विमान हिस्सा लेंगे और लगभग इतने ही विमान स्टैंडबाई रहेंगे।

वायुसेना के मालवाहक जहाज अपनी क्षमता का प्रदर्शन तो करेंगे ही, लड़ाकू विमान भी दिन और रात दुश्मनों के काल्पनिक ठिकानों को नेस्तनाबूद कर अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा हाल में ही शामिल विमान तेजस का भविष्य भी इस अभ्यास से तय किया जायेगा क्योंकि तेजस को पहली बार किसी युद्धाभ्यास में शामिल किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि तेजस स्वदेश में निर्मित विमान है और इसमें मिसाइल कैरियर होता है जो छह मिसाइलें ले कर हवा में उड़ान भर सकता है। भारतीय वायुसेना के लड़ाकू वायुयान के बेड़े में सबसे ऊपर अपना स्थान रखने वाले एसयू-30 विमान का संचालन जोधपुर एयरबेस से ही किया जायेगा।

रशियन मूल का यह विमान वायुसेना की सबसे बड़ी ताकत के रूप में उभरा है और कुछ समय पूर्व जोधपुर में एसयू-30 का स्क्वाड्रन बनाया गया है। इस विमान में अत्याधुनिक राडार सुविधाओं के साथ तरह-तरह के कंट्रोल्स भी शामिल हैं जिनकी बदौलत पायलट सुरक्षित रहते हुये हवा में कई तरह के करतब भी दिखा सकता है। इसका सबसे मह8वपूर्ण भाग इस विमान का राडार सिस्टम है जो बहुत ही पॉवरफुल है।

एसयू-30 में मौजूद फ्लाई बाइ वायर सिस्टम इस विमान को अपनी पीढ़ी के दूसरे विमानों से काफी आगे रखता है। दो पायलटों वाले इस विमान में कई तरह की मिसाइल ले जाने की क्षमता है जो पल भर में दुश्मनों के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर सकता है। युद्धाभ्यास में सुखोई-30, मिराज-200, मिग-21 और मानव रहित विमान शामिल होंगे।

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