विधानसभा का बजट सत्र हंगामे के साथ शुरू

vidhan sabhaजयपुर । राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र गुरुवार से शुरू हुआ। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई। राज्यपाल मारग्रेट आल्वा ने सत्र की शुरूआत के लिए जैसे ही अभिभाषण पढ़ा वैसे ही सदन में जमकर हंगामा शुरू हो गया। राज्यपाल द्वारा अंग्रेजी में अभिभाषण पढ़ने के कारण प्रतिपक्ष ने विरोध किया और हिंदी में पढ़ने की मांग की।

उन्होंने अपना पूरा अभिभाषण भी नहीं पढ़ा और उसे पढ़ा हुआ मान लिया गया। यह पूरी प्रक्रिया महज आठ मिनट में ही पूरी हो गई। सदन की कार्रवाई शुरू होने के साथ ही भाजपा के वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि राजस्थान एक हिंदी भाषी प्रदेश है और यहां पर अंग्रेजी में अभिभाषण पढ़ा जाना आमजन का अपमान होगा।

तिवाड़ी ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण का एक पैरा हिंदी में पढ़ दें, शेष भाषण पढ़ा हुआ मान लिया जाएगा। इसके बाद कम्यूनिस्ट पार्टी के अमराराम ने कहा कि राज्य सरकार संवेदनहीन हो चुकी है। लाखों मजदूर हड़ताल पर हैं, फिर भी सरकार का इस ओर ध्यान नहीं है। प्रदेश में पानी, बिजली की स्थिति भयावह है और आमजन त्रस्त है। अमराराम के इस तरह से बोलने पर सत्तापक्ष के विधायकों ने विरोध किया और अध्यक्ष से उन्हें बैठाने की मांग की।

हंगामे के बीच राज्यपाल ने अपने अभिभाषण का एक पैरा हिंदी में पढ़ा और शेष अभिभाषण को पढ़ा हुआ मान लेने को कहा। इससे पहले करीब दस बजकर पचास मिनट पर राज्यपाल विधानसभा भवन पहुंची। वहां पर विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मुख्य सचेतक रघु शर्मा और मंत्रियों ने उनका स्वागत किया।

राज्यपाल के अभिभाषण के बाद अध्यक्ष ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इन्द्रकुमार गुजराल, पुड्डुचेरी के पूर्व मुख्यमंत्री पंचनाथम षणमुगम, उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी, पूर्व मंत्री एवं पूर्व विधायक रामनारायण चौधरी, पूर्व विधायक बंशीलाल पटवा, रामगोपाल सिसोदिया, राधेश्याम बंशीवाल, गोकुल चन्द शर्मा, नाथूराम, मूलचन्द कटेवा एवं हनुमान सिंह चौधरी के निधन पर भी शोक व्यक्त किया।

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