आम महिलाओं का मत लिया जाना चाहिए था-वसुंधरा

IMG_5540जयपुर। भाजपा की प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने कहा है कि यौन संबंधों की न्यूनतम आयु 18 से 16 वर्ष किये जाने से पूर्व देश की आम महिलाओं का मत लिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि यह महिलाओं का एक ऐसा व्यक्तिगत विषय है, जिसमें किसी सरकार, किसी कमेटी या किसी केबिनेट से अधिक महिलाओं की राय ज्यादा जरूरी है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एक महिला होने के नाते उनके ये व्यक्तिगत विचार है।
श्रीमती राजे कोलकाता के होटल ताज में फिक्की महिला संगठन की ओर से देश की अर्थनीति, राजनीति, विकास और महिला सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर आयोजित कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रही थी।
Photo News FICCI 2पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने होटल ताज के खचाखच भरे क्रिस्टल सभागार में महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी देश का सर्वांगीण विकास महिलाओं के सशक्तिकरण के बिना संभव नहीं है। जब तक देश में महिलाएं सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि से सुदृढ़ नहीं हो जाती, तब तक उनके साथ भेदभाव खत्म नहीं हो सकता। इसलिये महिलाओं को संकोच की दीवारें तोड़कर हर क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे उनके व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर ये निःसंकोच कह सकती है कि किसी भी मुल्क में जब तक वहां की परिस्थितियां महिलाओं के अनुकूल नहीं होगी, तब तक वहां उन्नति की बात अधूरी रहेगी। इसलिये आज देश और प्रदेश में महिलाओं को विकास में भागीदार बनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि फिलहाल उनका लक्ष्य राजस्थान की सेवा करना है। उनका फोकस, उनका लक्ष्य, उनका उद्देश्य, उनका अपना प्रदेश राजस्थान है, जहां वे परिवार राजस्थान और टीम राजस्थान के जरिये एक नये राजस्थान का निर्माण करना चाहती है। एक ऐसे राजस्थान का निर्माण जो देश में विकास की दृष्टि से अव्वल हो।
श्रीमती राजे ने कहा कि आज देश और दुनिया में राजनीति का वातावरण दूषित हो रहा है, क्योंकि विकास में राजनीति आडे़ आ रही है। इसलिये विकास में राजनीति नहीं, राजनीति में विकास होना चाहिए। इससे पूर्व श्रीमती राजे का पश्चिमी बंगाल के फिक्की महिला संगठन की अध्यक्ष रुचिका गुप्ता सहित संगठन के सभी पदाधिकारियों ने स्वागत किया।

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