विशेष पेंशन महा अभियान बन रहा वरदान

rajasthan-mapप्रभात गोस्वामी– राज्य में विशेष पेंशन महा अभियान का आयोजन उन असहायजनों के चेहरे पर राहत की मुस्कान भर रहा है, जिन्हें अपना जीवनयापन करने के लिए संघर्ष करना पड़ता हैं। राज्य सरकार के इस अभियान से ऐसे असहायों को भविष्य में कहीं भी हाथ फैलाने की जरूरत नहीं होगी।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की सोच गरीबों और निर्धनतम लोगों को सम्मान जनक जीवनयापन के अवसर उपलब्ध कराने तथा उन्हें विकास का लाभ सुलभ कराने की रही है। श्री गहलोत ने इन गरीबों का दर्द शिद्दत से महसूस किया तथा इन्हें केन्द्र बिन्दु बनाकर इनकी बहबूदी के लिए योजनाओं का सृजन एवं क्रियान्वयन सुनिश्चित किया। प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से आज गरीबों, आदिवासियों तथा अंतिम छोर पर बैठे निर्धनतम असहाय व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंच रहा है। इसी सोच के साथ प्रदेश में 20 अप्रैल से 31 मई, 2013 तक विशेष पेंशन महा अभियान के माध्यम से शिविरों का आयोजन कर पात्र व्यक्तियों से शिविरों में ही आवेदन लेकर वहीं पर स्वीकृतियां जारी की जा रही हैं। एक मई, 2013 तक प्रदेश में 2944 शिविरों का आयोजन किया जा चुका है। जिसके तहत 3 लाख 85 हजार 876 आवेदन पत्रों पर स्वीकृतियां जारी की जा चुकी हैं। यह संख्या निरन्तर आगे बढ़ती जा रही है।
इस महा अभियान के तहत वृद्घजन, विधवा, परित्यक्ता एवं तलाकशुदा महिलाएं, बीपीएल, स्टेट बीपीएल, विशेष योग्यजन, अन्त्योदय परिवार, सहरिया, कथौड़ी, खैरवा जाति के लोग, आस्था कार्डधारी परिवार, तीन फीट छह इंच से कम अर्थात छोटे कद वाले (बौने), वयस्क आदि को पात्र माना जा रहा है। वृद्घावस्था, विधवा, परित्यक्ता एवं तलाकशुदा महिलाओं के लिए पेंशन की पात्रता की आय सीमा को 48 हजार रुपये वार्षिक कर दिया गया है। विशेष योग्यजनों के लिए आय सीमा 60 हजार रुपये वार्षिक की गयी है।
इसी प्रकार शिविरों में मुख्यमंत्री असहाय पुनर्वास योजना अन्तर्गत शिविरों में चयनित बेसहारा महिला-पुरुष को चिन्हित किया जायेगा तथा उन्हें 2 हजार रुपये एक मुश्त आर्थिक सहायता दी जायेगी। ऐसी परित्यक्ता महिलाएं जो तीन साल से अधिक समय से अपने पति से अलग रह रही हैं और पति से उनका कोई सम्बन्ध नहीं है, को भी पेंशन पाने की पात्र माना गया है।
शिविरों में योजनान्तर्गत असहाय, अत्यन्त गरीब, बेसहारा व्यक्तियों का सर्वें तथा चिन्हित व्यक्तियों की ट्रेकिंग कर अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ा जायेगा। यथा – वृद्घाश्रम, पेंशन, डे-केयर सेंटर, जिरियाट्रिक केयर आदि शामिल हैं। पेंशन के पात्र परिवारों में अब 25 वर्ष से अधिक आयु के पुत्र होने की शर्त भी समाप्त कर दी गई हैं। शिविरों में जिला प्रशासन द्वारा शिविर स्थल पर मुफ्त आवेदन पत्र तथा प्रार्थी की फोटो की व्यवस्था भी की गई है।
विशेष पेंशन महा अभियान के तहत 75 वर्ष से कम आयु के वृद्घ, विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा पेंशनर को 500 रुपये प्रति माह, 75 वर्ष से अधिक आयु के वृद्घ, विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा पेंशनर को 750 रुपये प्रति माह, 8 वर्ष से कम आयु के विशेष योग्यजन पेंशनर को 250 रुपये प्रति माह, 8 वर्ष से अधिक किन्तु 75 वर्ष से कम आयु के विशेष योग्यजन पेेंशनर को 500 रुपये प्रति माह, 75 वर्ष से अधिक आयु के विशेष योग्यजन पेंशनर को 750 रुपये प्रति माह पेंशन दी जायेगी। इसके लिए जरूरी है कि प्रार्थी राजस्थान का मूल निवासी हो एवं यही पर निवास कर रहा हो।
ग्रामीण क्षेत्र में आवेदनों की स्वीकृति के लिए स्वीकृतकर्ता प्राधिकारी समिति का गठन किया गया है जिसमें उपखण्ड अधिकारी/उपखण्ड मजिस्ट्रेट-अध्यक्ष, संबंधित विकास अधिकारी-सदस्य तथा प्रधान/उपप्रधान/संबंधित क्षेत्र का पंचायत समिति का सदस्य आदि समिति के सदस्य के रूप में शामिल हैं। शहरी क्षेत्र में आवेदनों की स्वीकृति के लिए समिति में उपखण्ड अधिकारी/उपखण्ड मजिस्ट्रेट-अध्यक्ष, मुख्य कार्यकारी अधिकारी/आयुक्त/ अधिशाषी अधिकारी संबंधित नगर निकाय, महापौर/उप महापौर, सभापति/उपसभापति/अध्यक्ष/उपाध्यक्ष/वार्ड पार्षद सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं।
यह पेंशन गरीबों और असहायों के लिए जीवन यापन का माध्यम बन रही है। गरीबों के द्वार पर ही पेंशन की स्वीकृति से लाखों लोग लाभान्वित हो रहे हैं। राज्य सरकार सहयोग की भावना के साथ इन शिविरों का आयोजन कर रही है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग स्तर पर अभियान की देखरेख एवं मॉनिटरिंग की जा रही है। स्वयं मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत भी महाअभियान की निरन्तर जानकारी ले रहे है।

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