आपराधिक रिकॉर्ड वालों को कांग्रेस नहीं देगी टिकट: राहुल

rahul gandhiजयपुर । लोकसभा और विधानसभा चुनावों में आपराधिक रिकॉर्ड वाले नेताओं की कांग्रेस से छुट्टी होगी। चुनाव में पार्टी ऐसे नेताओं को टिकट नहीं देगी, जिनका आपराधिक रिकॉर्ड है। ऐसे नेताओें को कांग्रेस से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। यह फार्मूला सभी राज्यों के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में लागू होगा। विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान में पार्टी की नब्ज टटोलने आए कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने यह बात स्पष्ट कर दी है।

राजस्थान दौरे से दूसरे दिन जयपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान टिकट वितरण के सवाल पर राहुल ने कहा कि प्रदेश में जल्दी ही यह काम कर देना चाहिए। अधिक से अधिक लोगों से मशविरे के जरिए ऐसा होना चाहिए। अपराधी और नकारात्मक लोगों को टिकट वितरण में ‘अवॉयड’ किया जाएगा। टिकट अब दिल्ली से नहीं बल्कि राज्यों में तय होंगे, जिला और ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्षों की सलाह से टिकट तय होंगे।

परिवारवाद अब कांग्रेस में बिल्कुल नहीं चलेगा, चुनाव के समय पार्टी में शामिल होने वाले लोगों को टिकट नहीं मिलेगा। भाजपा द्वारा कांग्रेस पर सीबीआई के दुरुपयोग को लेकर लगाए जा रहे आरोपों के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि सीबीआई कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई करती है, यह स्वतंत्र एजेंसी है, इससे पार्टी का कोई लेना देना नहीं है।

राहुल ने कहा कि कार्यकर्ताओं के बातचीत के दौरान कई समस्याएं सामने आई है, लेकिन हंसते -हंसते इनका समाधान कर लिया जाएगा। पार्टी की यही मंशा है कि युवाओं, ग्रामीणों और महिलाओं की आवाज अधिक से अधिक आगे लाया जाए। उन्होंने कहा कि राजस्थान ही नहीं, जहां भी कांग्रेस की सरकारें है वहां ही फार्मूला है कि आम आदमी की सरकार हों। उसकी योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा फायदा आम आदमी को मिले। राहुल ने यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि राज्य में गहलोत सरकार ने भी कई योजनाओं पर बहुत अच्छा काम किया है।

सरकार ने नि:शुल्क दवा योजना, पेंशन योजना जैसी कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं। केन्द्र सरकार अब आमजन को भोजन का अधिकार योजना लाना चाहती है, लेकिन प्रतिपक्ष इसमें रोड़ा बना हुआ है। लेकिन केन्द्र सरकार कैसे भी इस मामले को सुलझा कर आम आदमी को फायदा पहुंचाएगी।

बिड़ला सभागार में प्रदेश के 24 विभिन्न जिलों के जनप्रतिनिधियों, कांग्रेस संगठन के पदाधिकारियों से चार-चार जिलों के ग्रुप में मिलते हुए राहुल ने नेताओं से खुलकर अपनी बात रखने के लिए कहा।

कांग्रेसियों ने राज्य सरकार में अफसरों के हावी रहने, मंत्रियों द्वारा संगठन के लोगों की सुनवाई नहीं करने और संगठन एवं सरकार के निर्णय विधायकों की राय पर लागू होने को लेकर नाराजगी जताई।

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