पाटनी परिवार को लपेटने से जैन समाज में आक्रोश

vimal-patniजयपुर। सीबीआई द्वारा पूर्व गृहमंत्री और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और प्रमुख उद्यमी विमल पाटनी को आरोपी बनाए जाने के खिलाफ जैन समाज एकजुट होता नजर आ रहा है। जैन समाज के श्वेतांबर और दिगंबर समाज ने संयुक्त रूप से कटारिया और पाटनी को समर्थन दिया है और सीबीआई कार्यवाही की कड़े शब्दों में निंदा की है। ऐसा पहली बार हुआ है जब श्वेतांबर और दिगंबर समुदाय किसी राजनेता और एक समाजसेवी व्यवसायी के लिए एक मंच पर आए है। संयुक्त बैठक के बाद पारित किए गए निंदा प्रस्ताव के अनुसार कटारिया एक बेदाग छवि के राजनेता है और पाटनी भी धर्मप्रेमी और स्वच्छ छवि रखते है। अत: इस कांड में इन दोनों का नाम शामिल करना एक सुनियोजित साजिश से अधिक कुछ नहीं है। जैन समाज इस विषय में न्याय की मांग कर रहा है।

पाटनी के समर्थन में मंडी में ना मार्बल कटा, ना बिका
उदयपुर। सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में मार्बल उद्यमी विमल पाटनी को शामिल करने के खिलाफ उदयपुर के सुखेर स्थित मार्बल व्यवसायियों ने शनिवार को अपना कारोबार बंद रखा। उदयपुर मार्बल एसोसिएशन और उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स एसोसिएशन की ओर से इस दिशा में संयुक्त रूप से सांकेतिक धरना दिया गया। वहीं, सुखेर में ना तो मार्बल बिका ना ही मार्बल ब्लॉक की कटिंग हुई।
मार्बल एसोसिएशन के अध्यक्ष महिपाल सिंह राठौड़ ने कहा कि यह पहला मौका है जब मार्बल से जुड़े व्यवसाय की प्रत्येक इकाई बंद में शामिल हुई है। इस दिशा में उदयपुर ही नहीं बल्कि संपूर्ण राजस्थान की मार्बल मंडी में कारोबार नहीं हुआ। एसोसिएशन के सचिव गजेंद्र सामर ने बताया कि एक दिन के इस बंद से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से आठ लाख लोग प्रभावित हुए। वहीं, सिर्फ उदयपुर में 15 से 20 करोड़ रुपए का व्यवसाय प्रभावित हुआ। मार्बल प्रोसेसर्स एसोसिएशन के विजय गोधा और अनिल कटारिया ने बताया कि सुखेर क्षेत्र में संचालित सभी मार्बल गेंगसा के चक्के थमे रहे। पाटनी के समर्थन में आगे की रणनीति जल्दी तय की जाएगी।
http://news4rajasthan.com से साभार
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