दो आईपीएस के खिलाफ चालान के आदेश

जयपुर । राजस्थान में पहली बार घूस मामले में भारतीय पुलिस सेवा के दो अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों ने जांच पूरी कर चालान के आदेश दिए गए हैं।

जिन अफसरों के खिलाफ चालान के आदेश हुए हैं, उनमें सीआईडी सीबी में पुलिस महानिरीक्षक एन. मोरिस बाबू और दूसरे अजयसिंह है। अजयसिंह फिलहाल जेल में हैं। अजयसिंह अजमेर में सहायक पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात थे। सिंह प्रवीक्षाकाल में है।

सूत्रों ने बताया कि आईजी एन. मोरिस बाबू के पीए राजेन्द्र शर्मा को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने दल के एक मई को एक परिवादी से दस हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। उसने यह रिश्वत महिला अत्याचार के एक मामले की जांच बदलने के नाम पर ली थी।

रिश्वत की यह राशि उसने आईजी एन. मोरिस बाबू के नाम से वसूली थी। इसी प्रकार अजमेर के रामगंज थाने में तैनात सहायक पुलिस निरीक्षक और सहायक पुलिस अधीक्षक अजयसिंह के रीडर प्रेमसिंह खंगारोत को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 21 जून को एक लाख रुपए की घूस लेते गिरफ्तार किया था।

रीडर ने यह घूस आईपीएस अजयसिंह के लिए ली थी। बाद में ब्यूरो ने अजयसिंह को भी जयपुर के पास कानोता में पकड़ा था। उस समय अजयसिंह की कार में शराब भी मिली थी।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अजीतसिंह शेखावत ने बताया कि रिश्वत के इन दोनों प्रकरणों की जांच पूरी हो गई है। जांच में आईजी.एन. मोरिस बाबू को भी दोषी माना गया है। मोरिस बाबू के खिलाफ चालान के आदेश दे दिए गए है। शीघ्र ही पत्रवाली को अभियोजन मंजूरी के लिए कार्मिक विभाग में भेजा जाएगा। इसी प्रकार आईपीएस अजयसिंह के खिलाफ चालान के आदेश देकर फाईल को अभियोजन मंजूरी के लिए पिछले सप्ताह कार्मिक विभाग के पास भेज दिया है।

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