प्रदेश में दो सांसद, चार मंत्री, तीस विधायक दागी

neta jiजयपुर। दागी जनप्रतिनिधियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का असर राजस्थान की राजनीति में भी काफी असर होगा। राजस्थान में दो सांसदों, चार मंत्रियों और तीस विधायकों के खिलाफ विभिन्न पुलिस थानों में आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से कुछ के खिलाफ अदालत में चालान भी पेश हो चुके है। राजस्थान में जिन विधायकों के खिलाफ मामले दर्ज हैं, उनके कांग्रेस के 13, भारतीय जनता पार्टी के 7, एक सीपीएम और बाकी 9 निर्दलिय एवं अन्य है। 200 सदस्यों वाली राजस्थान विधानसभा का यह पन्द्रह प्रतिशत से अधिक है। राजस्थान विधानसभा में चुनाव लड़ने के दौरान जिन विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी चुनाव आयोग को दी गई थी उनमें प्रदेश के केबिनेट परसादी लाल मीणा, महेन्द्रजीत सिंह, राज्यमंत्री गजेन्द्र सिंह शक्तावत, गिर्राज सिंह मलिंगा, राजेन्द्र सिंह गुढ़ा, गुरमीत सिंह कुन्नर शामिल है।

राज्य विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता वरिष्ठ भाजपा विधायक गुलाब चंद कटारिया देश के चर्चित सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले में नामजद है,वे फिलहाल जमानत पर है। इसी तरह भंवरी देवी अपहरण एवं हत्या मामले में महिपाल मदेरणा और मलखान सिंह जेल में है। दारासिंह मुठभेड़ मामले में वरिष्ठ भाजपा नेता राजेन्द्र राठौड़ के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में मामला लम्बित है। जिन अन्य विधायकों के विरुद्ध मामले दर्ज है उनमें बनवारी लाल सिंघल, भरोसीलाल, पवन दुग्गल, रूपाराम, डॉ. राजकुमार शर्मा, कल्याण सिंह चौहान, जाकिर हुसैन, जाहिदा, शिवजीराम मीणा, दिलीप चौधरी, भवानी सिंह राजावत, ज्ञानदेव आहुजा, कांता गरासिया, मालवीया, करण सिंह, अनिल कुमार, प्रताप सिंह खाचरियावास, रामस्वरूप कसाना, कैलाश चंद, कालीचरण सराफ, कर्नल सोनाराम, प्रकाश चंद्र चौधरी,रमेश खण्ड़ेलवाल और रणवीर पहलवान शामिल है। भाजपा सांसद रामसिंह कस्वां के विरुद्ध हत्या का मामला एवं कांग्रेस सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री महादेव सिंह खण्डेला के विरुद्ध मारपीट, धमकी का मामला दर्ज है।

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