उदयपुर में हजारो कावड़िये चले एक साथ शिव के द्वार

kavdiyo ki yatra 2kavdiyo ki yatraउदयपुर. एक स्वर में शिव के जयकारों के साथ 3-3 की कतार में जब कावड़ यात्रियों ने इष्टदेव के दर्शन की ओर कदम उठाए तो भगवान शिव के जयकारे माहौल में गंूज उठे। वहां उपस्थित हर मन भक्ति से भर उठा। नंगे पांव भक्तों ने एक-एक कदम चलकर भगवान आशुतोष के दर का रास्ता तय करना शुरू किया। उदयपुर शहर के रामपुरा चौराहे के कुछ आगे पहुंचने पर ऐसा लगा मानो अरावली की गगनचुंबी पहाड़ियों ने भी हाथ उठाकर भगवान शिव का जयकारा लगाते हुए भक्तों का उत्साह वर्द्धन किया हो। अपनी भक्ति के आगे ऊंचा पहाड़ भी भक्तों को बौना नज़र आ रहा था।
यह भक्ति सागर सोमवार को शिव महोत्सव समिति की ओर से गंगोद्भव कुंड से निकाली गई कावड़ यात्रा के दौरान उमड़ा। सुबह 7 बजे से पहले ही गंगोद्भव कुंड पर भक्त उमड़ने लगे। कुछ ही देर में यहां हजारों भक्त पहुंच गए। इसके बाद भगवान की महाआरती हुई। गंगोद्भव कुंड की पूजा करने के बाद कावड़ में गंगाजल भरा गया। समिति के कार्यकर्ताओं ने सुबह नौ बजे तीन-तीन की कतार में कावड़ यात्रियों को रवाना करना शुरू किया। भक्त जब एक के बाद एक मार्ग पर चलने लगे तो लंबी कतार से ऐसा लग रहा था कि यात्रा का छोर खत्म ही नहीं होगा।
कावड़ यात्रा आयड़ से होती हुई, आनंद प्लाजा, अशोक नगर मार्ग, शक्ति नगर, बापू बाजार, देहली गेट से शहर के अंदरूनी मार्गों से होते हुए मल्लातलाई चौराहा, रामपुरा से 21 किलोमीटर का सफर तय कर उभयेश्वरजी पहुंची। यात्रा का जगह-जगह स्वागत किया गया। लोगों ने यात्रा का स्वागत करने के लिए स्वागत द्वार लगाए थे। इसके साथ ही विभिन्न संगठनों और संस्थाओं ने कावड़ यात्रियों के लिए फलाहार और अल्पाहार की व्यवस्था की भी की थी। समिति के गोपाल औदिच्य और नारायण व्यास हरिद्वार जाकर गंगाजल लाए थे। इस गंगाजल से भरे कलश यात्रा में सबसे आगे बैलगाड़ी में रखे थे। भगवान उभयेश्वरजी का सबसे पहले इन्हीं कलशों से अभिषेक किया जाएगा।
आला अधिकारी मौजूद – 
यात्रा के दौरान पूरे मार्ग में जहां भारी पुलिस बल तैनात था। वहीं गंगोद्भव कुंड पर पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी भी पहुंचे। यात्रा के मार्ग में ट्रैफिक व्यवस्था को नियंत्रित करने के साथ ही कावड़यात्रियों को परेशानी न हो इसके पुख्ता प्रबंध किए गए थे।
-सतीश शर्मा
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