प्रदेश अध्यक्ष बदलने को लेकर लॉबिंग तेज

जयपुर। राजस्थान विधानसभा के अगले साल के अंत में होने वाले चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ दल कांग्रेस और भाजपा की आंतरिक राजनीति काफी तेज हो गई है। दोनों ही दलों के प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने को लेकर लॉबिंग शुरू हो गई है। दोनों ही दलों के नेताओं ने अपने-अपने केंद्रीय नेतृत्व को साफ कहा है कि मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष के रहते चुनाव अभियान चलाना संभव नहीं है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. चंद्रभान को बदले जाने को लेकर पिछले एक माह से कोशिश हो रही है। केंद्रीय नेतृत्व इस बारे में राज्य के राजनीतिक एवं जातिगत समीकरणों को लेकर नेताओं से चर्चा कर चुका है। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने प्रदेश के दर्जन वरिष्ठ एवं युवा नेताओं को दिल्ली बुलाकर पार्टी के संगठनात्मक मामलों और विधानसभा चुनाव को लेकर फीडबैक लिया। वहीं राहुल गांधी के निर्देश पर प्रदेश के प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक जिलावार नेताओं को दिल्ली बुलाकर फीड़बैक ले रहे है। अब तक की चर्चा में आलाकमान को राज्य के नेताओं ने डॉ. चंद्रभान को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने की बात कही है। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अभी तक अपना रूख साफ नहीं किया है। मुख्यमंत्री के दिल्ली में संबंधों को देखते हुए यह माना जा रहा है कि उनकी मर्जी से ही प्रदेश अध्यक्ष को लेकर निर्णय होगा। चंद्रभान को हटाए जाने की स्थिति में केंद्रीय संचार राज्यमंत्री सचिन पायलट, राज्यसभा सदस्य अश्क अली टांक, वरिष्ठ नेता बीडी कल्ला और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नारायण सिंह में से किसी एक को अध्यक्ष बनाया जा सकता है। सचिन पायलट के पिता स्व.राजेश पायलट लंबे समय तक राजस्थान की राजनीति में सक्रिय रहे और उनकी मां रमा पायलट भी विधायक रही। वे खुद दूसरी बाद सांसद बने है। राहुल के निकट होने के कारण उन्हें अध्यक्ष बनाया जा सकता है, लेकिन पार्टी के एक खेमे का तर्क है कि पायलट गुर्जर समाज से है और उनके अध्यक्ष बनने से मीणा समाज नाराज हो सकता है। मीणा समाज का तीन दर्जन विधानसभा सीटों पर सीधा असर है। राज्यसभा सदस्य अश्क अली टांक को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक के निकट माना जाता है। राज्यसभा में जाने के दो वर्ष के भीतर टांक ने दिल्ली में केंद्रीय नेताओं से अच्छे संबंध बनाए है। अल्पसंख्यक चेहरे के रूप में उन्हें अध्यक्ष पद का दावेदार माना जा रहा है। इसी तरह से नारायण सिंह को अध्यक्ष बनाने के लिए लॉबिंग करने वाले उन्हें जाट नेता के रूप में प्रोजेक्ट कर रहे है। जाट को अध्यक्ष बनाए जाने की स्थिति में वे मुख्यमंत्री की भी पसंद हो सकते है। वरिष्ठ नेता बी.डी.कल्ला र्निविवाद नेता के रूप में अध्यक्ष बनने को लेकर अपने लिए दिल्ली में लॉबिंग कर रहे है विस.चुनाव की निकटता देखकर भाजपा में भी मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी को बदले जाने को लेकर पार्टी का एक खेमा लॉबिंग कर रहा है। यह खेमा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को अध्यक्ष बनाने को लेकर लॉबिंग कर रहा है। वसुंधरा खेमा अध्यक्ष बनने के साथ ही टिकट वितरण की कमान अपने पास रखना चाहता है। लेकिन संघ से जुड़े नेता चतुर्वेदी को ही अध्यक्ष रखना चाहते है। लम्बे समय से आंतरिक विवादों से जूझ रही राजस्थान भाजपा को लेकर आलाकमान भी चिंतित है। इसी लिहाज से दिग्गज नेता अरूण जेटली को राज्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है। दोनों ही दलों में अध्यक्ष बदले जाने को लेक र अक्टूबर तक कोई अंतिम निर्णय होने की उम्मीद है।

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