जयपुर। आज का युवा वर्ग उच्च शिक्षा का चयन मुख्यतया आजीविका अथवा बेहतर रोजगार पाने के लिए करता है, परन्तु वर्तमान उच्च शिक्षातंत्र के गिरते स्तर के कारण युवाओं में असंतोष है। राजस्थान में उच्च शिक्षा के बारे में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में युवाओं के विचार जानने के लिए किये गये सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ कि परम्परागत उच्च शिक्षा दृष्टि में बदलाव लाने की महती आवश्यकता है।
राजस्थान प्लानिंग बोर्ड के आग्रह पर राज्य में उच्च शिक्षा के अध्ययन की स्थितियों पर गठित छः विभिन्न समितियों में सम्मिलित जयपुरिया प्रबन्धन संस्थान जयपुर के निदेशक प्रोफेसर प्रभात पंकज के नेतृत्व में जयपुर शहर के कुल 294 युवाओं का सर्वेक्षण किया गया। ग्रामीण क्षेत्र के अध्ययन के अन्तर्गत बगरू तहसील के गांव गोनेर व निवाई तहसील के ग्राम गुणसी में रहने वाले युवाओं के विचारों का तुलनात्मक अध्ययन किया गया। डॉ. पंकज के अनुसार युवाओं की धारणाओं को समझने के लिए संख्यात्मक और गुणात्मक सर्वेक्षण साक्षात्कार रिकार्डिंग पद्धति से किया गया।
अध्ययन से यह जानकारी मिली कि युवा प्राथमिकता से चार अपेक्षायें लेकर उच्च शिक्षा में प्रवेश लेते है। डिग्री प्राप्त करना, रोजगार के लिए तैयार करना, जीवनोपयोगी कौशलों को प्राप्त करना एवं शैक्षणिक इनपुट लेना। लगभग 63 प्रतिशत युवा उच्च शिक्षा से अपेक्षा करते हैं कि यह उन्हें बेहतर रोजगार दिलायेगी।
युवाओं से प्राप्त धारणाओं का विश्लेषण करने पर बताया गया कि युवा उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा बाजारोन्मुखी पाठ्यक्रम उपलब्ध कराते हुए रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने पर प्रमुखता से ध्यान दिया जाना चाहिये।
अध्ययन में यह भी खुलासा हुआ कि औद्योगिकी की भूमिका को महत्वपूर्ण मानते हुए कम्प्यूटर पटल, मोबाइल पटल और टेलीविजन पटल (सिनेमा पटल) सहित सभी स्त्रोतों के माध्यम के सीखने की प्रक्रिया के साथ इंटरनेट स्त्रोत एवं सामाजिक मीडिया आधारित अधिक मुखर प्रतीत होते है। यह भी विचार सामने आया कि युवा वर्ग आन लाइन खुले शिक्षण स्त्रोत को अध्यापन शिक्षण प्रक्रिया को भी सम्मिलित करने के लिए अच्छा तरीका मानते है।
राजस्थान प्लानिंग बोर्ड (शिक्षा) के सदस्य डॉ. अशोक बाफना ने बताया कि राजस्थान प्लानिंग बोर्ड और केन्द्रीय विश्वविद्यालय किशनगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में 31 अगस्त से पुष्कर में दो दिवसीय ‘‘रोड मेज फार हायर एजुकेशन इन राजस्थान’’ विषय पर आयोजित गोल मेज सम्मेलन में इस विषय पर विस्तृत विचार मंथन होगा। इस सम्मेलन में संभावनाओं उच्च शिक्षण संस्थाओं एवं छात्रों में गुणवत्ता स्तर को सुधारने और भविष्य की रणनीति निर्धारित कार्य के लिए नीति पत्र तैयार किया जायेगा।
-कल्याण सिंह कोठारी
मीडिया सलाहकार
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