बिजली ट्रान्सफार्मर की दुदर्शा, बड़े हादसे के इंतजार

udaipurउदयपुर शहर के कई क्षेत्र के बिजली ट्रान्सफार्मर की दुदर्शा कुछ इस तरह बया कर रही है, जैसे मल्लातलाई, ब्रम्हपोल, सिलावटवाडी, हाथीपोल, चान्दपोल आदि क्षेत्रों में बिजली के हाईटेन्सन लाईन ट्रान्सफार्मर के नीचे तारो का जाल खुला पडा है। लगता ऐसा है कि मानो इन्सान तो इन्सान जानवर भी मृत्यु के कतार में खडे है। दूसरी ओर राजस्थान विद्युत वितरण नि.लि. बडे-बडे दावे कर रही हो कि सब सही से चल रहा है, परन्तु इन दृश्यों को देखने के बाद बिजली प्रशासन की पोल खुल गई है। बिजली विभाग के कर्मचारी दिनभर ऑफिस में आलस्य छाया रहता है।

इन लापरवाह अधिकारियों की लापरवाही के कारण कई हादसे हो सकते है। पूर्व में भी बिजली के करन्ट लगने से कई लोगो कि मौत हो चुकी है। इतना होने के बाद भी इन लापरवाह अधिकारियों के सर पर जू तक नहीं रेंगती है। इन दृश्यो को देखते हुए यह लगता है कि इन अधिकारियों ने सोच लिया है कि जनता का पैसा लुटते रहो और बिजली मे अपना नुकसान बता-बताकर जनता को भारी मात्रा में लुट रहे है। वहीं दुसरी ओर गहलोत सरकार ने निःशुल्क दवा, निःशुल्क जांच जैसी कई जनहितकारी एवं कल्याणकारी योजनाए संचालित की है जिसका फायदा सीधा-सीधा लोगो तक पहूंच रहा है। कई विभागो पर गहलोत सरकार ने कई कडे कानून बनाये पर विद्युतकर्मी सरेआम उसकी धज्जिया उडाते हुए दिखाई दे रहे है।
ये विद्युतकर्मी बिना कुछ काम किये सरकार से अपनी तनख्वाह प्राप्त कर रहे है जो एक जनता का पैसा है। इस सम्बन्ध में क्षेत्रवासियों से बात की गई तो क्षेत्रवासियों में बहुत रोष दिखाई दिया। क्षेत्रवासियों के द्वारा कई बार शिकायत दर्ज करवायी गई परन्तु आज तक किसी ने इनकी सुध नहीं ली है। क्षेत्रवासियों ने बताया कि अगर बिजली ट्रान्सफार्मर आबादी से सुरक्षित जगह तारबन्दी में लगा दिये जाये तो शायद हादसे होने से बचा जा सकता है। क्षेत्रवासियों ने बिजली विभाग की कडी आलोचना करते हुए कहा कि बिजली के बिल में भारी बढोतरी के बाद भी हालात वहीं बने हुए है। हाथीपोल चैराहे पर सुबह-सुबह सैकडो मजदुर खडे रहते है, वहां पर लगा ट्रान्सफार्मर खतरे का संकेत दे रहा है।
 कभी भी बडा हादसा हो सकता है। मल्लातलाई, ब्रम्हपोल रोड पर नगर निगम द्वारा लगाये गये रोडलाईट के खम्भे पर लगा पावर बोक्स कुछ तो टूट कर बिखर चुके है एवं कुछ बोक्स से वायर बाहर लटक रहे है जिससे आते-जाते राहगीर एवं छोटे बालक उसका शिकार हो सकते है जिसको नगर निगम ने देखा-अनदेखा कर रहा है। -सतीश शर्मा
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