स्वास्थ्य प्रबंधन, चुनौतियां एवं नवाचार पर अंतरर्राष्ट्रीय सम्मेलन प्रारंभ

DSC_6697DSC_6741DSC_6752जयपुर। स्वास्थ्य प्रबंधन, चुनौतियों एवं नवाचार विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन विष्व प्रसिद्ध वोकहाडर्स गु्रप आफ हॉस्पिटल्स की युवा प्रबंध निदेषक झाबिया खोराकीवाला ने किया। उन्होंने कहा कि हेल्थ केयर का क्षेत्र कोई षॉर्टकट नहीं है बल्कि इसमें प्रतिबद्ध होकर काम करने की जरूरत है। इस क्षत्र में कोई समझौता नहीं हो सकता। यह चुनौतीपूर्ण काम है। समय के साथ इसमें तेजी से लगातार बदलाव हो रहे हैं। नए लोग आ रहे हैं, नए बिजनेस मॉडल तैयार हो रहे हैं जिससे हॉस्पिटल प्रबंधन का रूख बदल रहा है। अब अस्पताल प्रबंधन का नजरिया पेषेन्ट्स को अपनी ओर आकर्षित करने का हो रहा है।
जयपुर के सांगानेर स्थित इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ मैनेजमेंट रिसर्च आईआईएचएमआर द्वारा आयोजित सम्मेलन इस बात पर चिंता जताई कि मरीजों की देखभाल गुणात्मक रूप से नहीं हो रही है। खोराकीवाला ने कहा कि क्लीनिकल आउटपुट को मरीजों के हिसाब से देखकर काम में लाने की जरूरत है क्योंकि क्लीनिकल आउटपुट ही मुख्य वाहक है। क्लीनिकल पैरामीटर्स जरूरी हैं लेकिन इन्हें मरीजों के साथ जोडकर नहीं देखा जा सकता। हमारा बिजनेस मॉडल मरीज का जीवन बचाने के लिए होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपने अस्पताल संगठनों का रूख बदलकर आउटकम बेसिस पर इंसेटिव देने का मॉडल अपनाना होगा। उन्होंने अपनी स्वास्थ्य क्षेत्र की यात्रा के बारे में भी बताया।
आईआईएचएमआर के ट्रस्टी सचिव एवं राज्य के पूर्व मुख्य सचिव एम. एल. मेहता ने आईआईएचएमआर के तीस साल पूरे होेने के अवसर पर संस्थान को हेल्थ केयर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी का दर्जा देने के षीघ्र निर्णय किये जाने की जानकारी दी।
एम. एल. मेहता अध्यक्षीय भाषण में कहा कि हेल्थ केयर के क्षेत्र में आज क्वालिटी एवं गुणवत्ता की सेवाओं के साथ आम आदमी को अफोर्डेबल सेवाओं देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज किए जा रहे नवाचारों से इलाज के खर्च में कमी आई है लेकिन अभी इसे और कम करने की आवष्यकता है। मेहता ने उदाहरण देकर कहा कि अरविंद हॉस्पिटल में 4 सौ ऑपरेषन के खर्च में अब 4 हजार ऑपरेषन किए जाते हैं। भारत में हेल्थ केयर में क्षेत्र में विपुल संभावनाएं बताते हुए मेहता ने कहा कि देष की 1.2 बिलियन आबादी के बीच इस क्षेत्र में बहुत अवसरों के साथ बहुत सी चुनौतियां भी हैं। मेहता ने जोर देकर कहा कि हमें हेल्थकेयर में फाइव स्टार मॉडल के बजाय सस्ता एवं गुणात्मक देखभाल वाला मॉडल चाहिए जिससे गरीबों एवं आमजनता के स्वास्थ्य की देखभाल हो सके। उन्होंने इस क्षेत्र में पीपीपी मॉडल को बढावा देने की आवष्यकता भी बताई। मेहता ने कहा कि नवाचारों के कारण गंभीर बीमारियों के इलाज का खर्च कम हुआ है। हेपेटाइटिस बी वेक्सीन की कीमत घटी है। इसी तरह जयपुर फुट अमेरिका में सस्ता है। फीको लेंस जो पहले दस हजार रूपए का था, वह अब 4 हजार रूपए का है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा खर्च में कमी लाने के साथ जवाबदेही बनाने की जरूरत है। मेहता ने युवा ग्रेजुएट्स से आहवान किया कि वे वे निष्ठा, सहनषीलता एवं दक्षता के साथ काम करते हुए अपना कॅरियर बनाएं। उन्होंने कहा कि 11वीं योजना में एनआरएचएम के 50 हजार करोड रूपए सरेंडर करने पडे जबकि इस राषि का बेहतर उपयोग हो सकता था।
आईआईएचएमआर के निदेषक एस.डी. गुप्ता ने सम्मेलन के विषय एवं थीम के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे सामने हेल्थ केयर एवं रिसर्च के क्षत्र में बहुत सारे अवसर एवं चुनौतियां हैं। गुप्ता ने कहा कि तीस साल के दौरान संस्थान ने अनुसंधान के माध्यम से चिकित्सा पद्धति को सस्ता एवं सुलभ बनाने में सहयोग किया है। इससे ग्लोबल स्तर पर संस्थान की पहचान बनी है। संस्थान ने साक्ष्य आधारित 400 से ज्यादा रिसर्च प्रोजेक्ट पूरे किए हैं। इनमें अफगानिस्तान, सार्क देष एवं विष्व स्वास्थ्य संगठन के साउथ ईस्ट देषों के साथ मिलकर काम किया है। उन्होंने कहा कि 8 हजार से ज्यादा हेल्थ मैनेजमेंट में टेªनिंग मॉडयूल्स चलाए हैं जिन्हें स्टेट, नेषनल एवं इंटरनेषनल लेवल पर मान्यता मिली है। इसी कारण हेल्थ मैनेजमेंट में यह संस्थान नंबर वन है। गुप्ता ने कहा कि संस्थान ने समय के अनुसार हेल्थ केयर मैनजमेंट में बदलाव किए हैं।
सम्मेलन के संगठन सचिव डॉ संतोष कुमार ने स्वागत उद्बोधन दिया। प्रारंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन की षुरूआत की। संस्थान के डीन कर्नल अषोक कौषिक भी मंच पर मौजूद थे। इस मौके पर अतिथियों ने संस्थान की स्मारिका का विमोचन किया। सम्मेलन में देषभर से आए 600 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
उद्घाटन सत्र के बाद तकनीकी स़त्र आयोजित किए गए। अंबानी हॉस्पिटल मुम्बई के कार्यकारी निदेषक डॉ0 रामनारायण की अध्यक्षता में हेल्थकेयर नावाचार के वाहक विषय पर आयोजित सत्र में एआरटीएच के मुख्य कार्यकारी डॉ0 षरद अयंगर, हेल्थकेयर फिलिप्स इनोवेषन सेंटर के सीनियर डायरेक्टर श्रीनिवास प्रसाद एवं एबॉट हेल्थकेयर के एमडी सुदर्षन जैन ने भाग लिया। दूसरे तकनीकी सत्र में एलाइजिंग क्वालिटी एंड कोस्ट इन हेल्थकेयर विषय पर चर्चा की गई। देहली हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर डॉ0 सुनील क्षेत्रपाल की अध्यक्षता में आयोजित इस सत्र में डब्ल्यूएचओ जिनेवा से आए डॉ0 नितिता प्रसोपा प्लेजियर, एवं डब्ल्यूएचओ के डॉ अरविंद माथुर ने विचार रखे। षाम को आयोजित तीसरे तकनीकी सत्र में मैनेजिंग नॉन कम्युनिकेबल डिजीज-एमर्जिंग चैलेंजेंज, अपॉर्च्युनिटीज एंड इनोवेषन विषय पर आईआईएचएमआर के प्रोफेसर डॉ0 सुरेष जोषी की अध्यक्षता में डॉ0 पी.एल. जोषी, डॉ0 डी.सी. जैन एवं डॉ0 सुधीर भण्डारी ने चर्चा की।
मीडिया सलाहकार
कल्याणसिंह कोठारी
94140 47744

error: Content is protected !!