लीड रोल निभाने की ओर बढ रही है प्रियंका

priyanka-ghandhiक्या प्रियंका गांधी कांग्रेस में लीड रोल निभाने की ओर बढ़ रही हैं? यह सवाल देश के राजनीतिक हलकों में खूब चर्चा में है। असल में प्रियंका के बारे में पूर्व में भी इस प्रकार की चर्चाएं होती रही हैं कि वे कांग्रेस का तुरुप का इक्का हो सकती हैं। हाल ही चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने जिस प्रकार नरेन्द्र मोदी व भाजपा पर हमला किया है, उससे यह सवाल फिर ज्वलंत हो उठा है कि क्या कांग्रेस प्रियंका को पार्टी की गिरती साख को बचाने के लिए मैदान में उतरेंगी? समझा यही जाता है कि अगर इस चुनाव में कांग्रेस की पराजय हुई तो प्रियंका को सक्रिय कर दिया जाएगा, अन्यथा जीतने या पार्टी के बेहतर प्रदर्शन पर संभव राहुल गांधी को सारा क्रेडिट देते हुए वे पहले की तरह पार्टी के अंदर सीमित रोल में बनी रहें।
प्रियंका हालांकि पूरे देश में प्रचार अभियान में नहीं जुटी हैं, और अमेठी व राजबरेली तक ही सीमित हैं, मगर चूंकि पूरे मीडिया की उन पर नजर रहती है, इस कारण जैसे ही उन्होंने मोदी पर हमला बोला वह एक राष्ट्रीय चुनावी मुद्दा बन गया। हालांकि राहुल गांधी ने भी पिछले दिनों कई बार हमले किए हैं, मगर प्रियंका के तेवर कुछ तल्ख और भावनात्मक हैं। मोदी जिस चुटकीले अंदाज में गांधी परिवार पर कटाक्ष करते हैं, ठीक उसी अंदाज में प्रियंका ने भी तीर छोड़े। इसका परिणाम यह हुआ कि वर्तमान में ऐसा प्रतीत होता है कि धीरे-धीरे राजनीतिक जंग मोदी बनाम प्रियंका में शिफ्ट होने लगी। आपको याद होगा कि प्रियंका ने अपने चचेरे भाई वरुण गांधी पर भी तीखे हमले किए थे। उसके बाद वे यकायक राष्ट्रीय चर्चा में आने लग गईं।
असल में प्रियंका राहुल से कुद बेहतर वक्ता हैं। इसके अतिरिक्त लोगों को उनमें इंदिरा गांधी का अक्स भी नजर आता है। इस कारण कांग्रसियों की सदैव इच्छा रही कि प्रियंका खुल कर राजनीति में आएं, मगर उनके साथ कुछ दिक्कतें हैं। उनके रॉबर्ट वाड्रा पर करप्शन के आरोप लग रहे हैं। जब तक इन आरोपों से उन्हें मुक्ति नहीं मिलती है, तब तक प्रियंका को राजनीति में आने पर कड़े सवालों का सामना करना पड़ सकता है।
बहरहाल, फिलवक्त यही कयास हैं कि यदि कांग्रेस संसद में विपक्ष में बैठती है http://theessaymag.com/canada/ तो संभव है कि राहुल गांधी संसद में सरकार को घेरें और प्रियंका जमीन पर पार्टी की कमान संभालें और संगठन मजबूती पर फोकस करें।
राजनीति की जानकार नीरजा चौधरी कहना है कि अभी प्रियंका गांधी के राजनीतिक भविष्य के बारे में आकलन करना बहुत जल्दबाजी होगा। इतना तो तय है कि यदि कांग्रेस जीती को शायद जरूरत नहीं पड़े, लेकिन हारने के बाद ऐसी स्थिति बन सकती है कि उन्हें सक्रिय राजनीति में उतरना पड़े। लेकिन किसी भी सूरत में बहुत हड़बड़ी में लॉन्च किया जाएगा। इसके लिए पूरा एक्शन प्लान बनेगा। उनका प्रभाव पार्टी पर कितना होगा इस बारे में अभी से अनुमान लगाना बहुत जल्दबाजी होगी। दरअसल सब कुछ निर्भर करता है, 16 मई के बाद होने वाले राजनीतिक हालात पर।
इसी प्रकार रशीद किदवई का मानना है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्रियंका फिलहाल कांग्रेस की सबसे बड़ी आस है। देर या सही उन्हें सक्रिय राजनीति में उतरना ही होगा। यदि पार्टी चुनाव हारती है तो यहां से आगे बढऩे के लिए पार्टी को अपने समर्थकों को कोई उम्मीद की रोशनी दिखानी होगी। प्रियंका फिलहाल वही रोशनी है। साथ ही अगर पार्टी विपक्ष में बैठती तो पार्टी को एक ऐसे स्ट्रीट स्मार्ट विपक्ष के नेता की जरूरत होगी, जो गलियों में लड़े। प्रियंका यह काम राहुल से बेहतर तरीके से कर सकती है।

1 thought on “लीड रोल निभाने की ओर बढ रही है प्रियंका”

  1. 2024 tak baith kar Jijaji ke liye sadbudhi yagya kare to shayad 2034 mai chance ban jaye yaar…..kyonki agle 20 saalo tak to modi sarkaar…..

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