मुख्यमंत्री शर्मा के निर्देशों पर चिकित्सा शिक्षा विभाग की पहल

प्रत्येक अस्पताल में होगी सार्वजनिक निर्माण विभाग चौकी

अस्पतालों के रख-रखाव और रोगी सुरक्षा के लिए नई एसओपी जारी,

भवन लागत की प्रतिशत राशि रख-रखाव के लिए होगी आरक्षित

अजमेर, 6 मई । मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा की पहल एवं चिकित्सा मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशों पर राजस्थान में मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में रोगियों की सुरक्षा और भवनों के रखरखाव के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग ने संयुक्त रूप से नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। इस एसओपी के तहत राजकीय मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में रोगी सुरक्षा और सेवाओं को और सुदृढ़ किया जाएगा। आपातकालकैजुअल्टीसर्जिकल प्रक्रियाओं और गंभीर रोगियों की देखभाल जैसे स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट क्षेत्रों में 24 घंटे सातों दिन प्रदान की जाने वाली महत्वपूर्ण चिकित्सा सेवाएं इससे और बेहतर एवं सुगम हो सकेंगी।

चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीष कुमार ने बताया कि नई एसओपी के तहत प्रत्येक मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पताल में सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से एक चौकी स्थापित की जाएगी। इसके लिए स्थान अस्पताल की ओर से उपलब्ध करवाया जाएगा। इन चौकियों पर 24 घंटे प्लम्बर और इलेक्ट्रीशियन उपलब्ध होंगे तथा दिन के समय में कारपेंटर और वेल्डर भी उपलब्ध होंगे। साझा परिसर वाले अस्पतालों में एक सामान्य चौकी होगी। सभी अस्पतालों में रखरखाव और रोगी शिकायतों के लिए एक हेल्पलाइन होगी। यह 24 घंटे संचालित होगी।

  जेएलएन चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. अरविंद खरे के मुताबिक नई एसओपी के अनुसार अस्पताल भवन की निर्माण लागत की प्रतिशत राशि वार्षिक रख-रखाव निधि के रूप में सार्वजनिक निर्माण विभाग को दी जाएगी। इसका भुगतान राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसाइटी के माध्यम से होगा। भवन मूल्य की गणना 2025-26 के लिए 28 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से होगी। सामान्यतः 70 प्रतिशत निधि सिविल और 30 प्रतिशत इलेक्टि्रकल रखरखाव पर खर्च होगी। स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर अस्पताल अधीक्षक आरएमआरएस अध्यक्ष को अनुमति से इस अनुपात में बदलाव भी कर सकेंगे।

एएमसी एवं सीएएमसी सार्वजनिक निर्माण विभाग के माध्यम से होंगे

 चिलरएसीडीजल जनरेटरऑक्सीजन पाइपलाइनलिफ्टफायर अलार्मसीसीटीवी आदि उपकरणों के लिए वार्षिक रखरखाव अनुबंध और व्यापक वार्षिक रखरखाव अनुबंध सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से किए जाएंगे। निधि अस्पताल अधीक्षक की ओर से बजटीय आवंटन या आरएमआरएस से प्रदान की जाएगी।

शिकायत के लिए प्रभावी तंत्रसत्यापन के बाद ही होगा भुगतान

एसओपी के अनुसार रखरखाव शिकायतें हेल्पलाइनवेबसाइट मोबाइल एप के माध्यम से दर्ज होंगी और सार्वजनिक निर्माण विभाग की देखरेख में ठेकेदार की ओर से निवारण किया जाएगा। निवारण का सत्यापन अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी करेंगे। इसके बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग ठेकेदार को भुगतान करेगा।

हर वर्ष होगा भवनों का सर्वे

सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से वार्षिक सर्वेक्षण कर भवन फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा। रखरखाव की आवश्यकता होने पर सार्वजनिक निर्माण विभाग एस्टीमेट तैयार कर अस्पताल अधीक्षक से स्वीकृति लेकर कार्य प्राथमिकता पर करेगा। रिसाव मुक्त प्लंबिंगजलरोधी छतेंप्लास्टर मरम्मतसुरक्षित इलेक्टि्रकल सिस्टमटूटी टाइल्सदरवाजोंखिड़कियों की मरम्मतफैनलाइट्स मेंटीनेंस और संरचनात्मक क्षति रोकने के लिए पेड़ों की जड़ें हटाना जैसे कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।

मेंटीनेंस के लिए फंड की कोई कमी नहीं

मौजूदा रखरखाव अनुबंध सार्वजनिक निर्माण विभाग को हस्तांतरित होंगे और भविष्य के सभी अनुबंध सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से किए जाएंगे। निधि की कमी को रखरखाव में चूक का कारण नहीं माना जाएगा। अस्पताल समय पर निधि प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होंगे। रखरखाव में किसी भी लापरवाही पर अस्पताल अधीक्षकवरिष्ठ लेखा अधिकारी और सार्वजनिक निर्माण विभाग के संबंधित अभियंताओं के विरूद्ध कार्रवाई होगी।

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