रक्षाबंधन पर बन रहा हैं विशेष “आयुष्यमान योग”

पंडित दयानन्द शास्त्री
पंडित दयानन्द शास्त्री

इस वर्ष रक्षाबंधन के दिन चन्द्रमा मकर राशि का होने के कारण एक अनूठा योग “आयुष्यमान योग” निर्मित हो रहा हैं, जो दिनभर रहेगा….

यह अनूठा संयोग काल गणना के अनुसार बहुत लम्बे समय के बाद आ रहा हैं..इस कारण इस वर्ष रक्षाबंधन का महत्त्व बढ़ गया हैं..
यह योग इस वर्ष इस पर्व को और विशेष बना रहा हैं..
अनेक ज्योतिषी इस वर्ष भद्रा को लेकर परेशान और आशंकित हैं..
भद्रा का समय रक्षा बन्धन के लिये निषिद्ध माना जाता है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार सभी शुभ कार्यों के लिए भद्रा का त्याग किया जाना चाहिये। सभी हिन्दू ग्रन्थ और पुराण, विशेषतः व्रतराज, भद्रा समाप्त होने के पश्चात रक्षा बन्धन विधि करने की सलाह देते हैं।
भद्रा पूर्णिमा तिथि के पूर्व-अर्ध भाग में व्याप्त रहती है। अतः भद्रा समाप्त होने के बाद ही रक्षा बन्धन किया जाना चाहिये। उत्तर भारत में ज्यादातर परिवारों में सुबह के समय रक्षा बन्धन किया जाता है जो कि भद्रा व्याप्त होने के कारण अशुभ समय भी हो सकता है। इसीलिये जब प्रातःकाल भद्रा व्याप्त हो तब भद्रा समाप्त होने तक रक्षा बन्धन नहीं किया जाना चाहिये।
9 अगस्त की प्रात: 3:35मिनट से 10 अगस्त की दोपहर 1:37 मिनट तक भद्रा काल रहेगा और धर्म शास्त्रों में भद्रा काल को शुभ कार्य में वर्जित माना गया है इसलिए 10 अगस्त को दोपहर बाद 1:37 बजे भद्रा काल समाप्त होने के बाद रात्रि 10:39 बजे तक रक्षा बंधन मनाना शुभ रहेगा।
वैसे इस वर्ष भद्रा का निवास पाताल में होने के साथ-साथ इसका प्रभाव दोपहर तक ही सीमित रहेगा..वैसे भी सर्व विदित हैं की रक्षाबंधन का शुभ कार्य दोपहर में ही किया जाना चाहिए..हालांकि दिनभर भी राखी बंधी जा सकती हैं..
अपराह्न का समय रक्षा बन्धन के लिये अधिक उपयुक्त माना जाता है जो कि हिन्दू समय गणना के अनुसार दोपहर के बाद का समय है। यदि अपराह्न का समय भद्रा आदि की वजह से उपयुक्त नहीं है तो प्रदोष काल का समय भी रक्षा बन्धन के संस्कार के लिये उपयुक्त माना जाता है।
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इस वर्ष रक्षावन्धन(श्रावणी पूर्णिमा -2014 के )शुभ मुहूर्त—
01-दोपहर 1:37बजे से 3:00 बजे तक शुभ
02-शाम 7:00 बजे से 8:30 बजे तक शुभ
03-रात 8:30 बजे से 10:00 बजे तक अमृत
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(१) रक्षा बन्धन अनुष्ठान का समय = १३:३७ से २१:११
अवधि = ७ घण्टे ३३ मिनट
(२) रक्षा बन्धन के लिये अपराह्न का मुहूर्त = १३:४५ से १६:२३
अवधि = २ घण्टे ३७ मिनट
(३) रक्षा बन्धन के लिये प्रदोष काल का मुहूर्त = १९:०१ से २१:११
अवधि = २ घण्टे १० मिनट
भद्रा पूँछ = १०:०७ से ११:०७
भद्रा मुख = ११:०७ से १२:४७
भद्रा अन्त समय = १३:३७
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ = १०/अगस्त/२०१४ को ०३:३६ बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त = १०/अगस्त/२०१४ को २३:३९
पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री.(ज्योतिष वास्तु सलाहकार )
मोब. – 09024390067 एवं 09669290067
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