अंगारक चतुर्थी मंगलवार, 1 सितम्बर को धूमधाम से मनाई जाएगी

dayanand shashtri 3अपनी कुंडली में मंगल दोष के चलते विवाह कार्य में आ रही अड़चनों तथा अन्य व्यक्तिगत व पारिवारिक बाधाओं को दूर करने के लिए देशभर से लोग उज्जैन स्थित अंगारेश्वर महादेव मंदिर में विशेष पूजा व भगवान शिव का रूद्राभिषेक करने बड़ी संख्या में क्षिप्रा के तट पर पहुंचेंगें ।
दरअसल कल मंगलवार को अंगारक चतुर्थी है। पंडित “विशाल” दयानंद शास्त्री की मानें तो इस दिन विशेष पूजा-अर्चना से मंगल दोष का निवारण होता है। आचार्य भरत दुबे ने हिस को बताया कि कुण्डली में जब प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में मंगल होता है तब मांगलिक दोष लगता है। इस दोष को शादी के लिए अशुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि ये दोष जिनकी कुण्डली में होता है, उन्हें मंगली जीवनसाथी की ही तलाश करनी चाहिए।
अगर लड़का व लड़की दोनों ही मंगली हो तो ही उनका विवाह संभव है। यदि मंगल दोष का निवारण किए बगैर विवाह किए जाते हैं, तो अकसर पति-पत्नी में जीवनभर गृह क्लेश ही बना रहता है। यही कारण है कि मंगली लड़का या लड़की के विवाह में काफी परेशानियां आती हैं। पंडित “विशाल” दयानंद शास्त्री के अनुसार ज्योतिष में दोष निवारण के बाद मांगलीक लड़की या लड़के में से यदि कोई एक मांगलीक न भी हो, तब भी विवाह संपन्न किए जाने की बात कही गई है।
वैसे तो प्रत्येक माह में चतुर्थी की तिथि होती है, किंतु जिस माह में चतुर्थी तिथि मंगलवार के दिन पड़ती है, उसे अंगारकी चतुर्थी कहा जाता है। अंगारक चतुर्थी के दिन ज्योतिषों से पूरी जानकारी हासिल कर और कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो मंगल दोष का निवारण संभव है।
हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक मास की कृष्ण पक्ष की चंद्रोदयव्यापिनी चतुर्थी तिथि को भगवान श्रीगणेश के लिए जो व्रत किया जाता है उसे गणेश चतुर्थी व्रत कहते हैं। जब यह व्रत मंगलवार के दिन आता है तो इसे अंगारक चतुर्थी कहते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार जो भी यह व्रत करता है भगवान अंगारक उसकी हर इच्छा पूरी करते हैं। इस बार यह अंगारक चतुर्थी व्रत 01 सितम्बर, 2015 (मंगलवार) को है।

जानिए अंगारक चतुर्थी पर दान का महत्व—
अंगारक चतुर्थी के दिन शास्त्रानुसार लाल वस्त्र धारण करने से व किसी ब्रह्मण अथवा क्षत्रिय को मंगल की निम्न वास्तु का दान करने से जिनमें गेहू, गुड, माचिस, तम्बा, स्वर्ण, गौ, मसूर दाल, रक्त चंदन, रक्त पुष्प, मिष्टान एवं द्रव्य तथा भूमि दान करने से मंगल दोष कम होता है। लाल वस्त्र में मसूर दाल, रक्त चंदन, रक्त पुष्प, मिष्टान एवं द्रव्य लपेट कर नदी में प्रवाहित करने से मंगल जनित अमंगल दूर होता है।

पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री,(ज्योतिष-वास्तु सलाहकार)
राष्ट्रीय महासचिव-भगवान परशुराम राष्ट्रीय पंडित परिषद्
मोब. 09669290067 (मध्य प्रदेश)
वॉटसअप नंबर —09039390067….

4 thoughts on “अंगारक चतुर्थी मंगलवार, 1 सितम्बर को धूमधाम से मनाई जाएगी”

    • Namste sir ……my name Jyotsana from Ajmer …..dob25/8/88 8am …….sir ma ya puchna chahti hu ki mari shadi ma bhut problem aa rhi h kb tk hoge mari shadi plzzz sir reply me
      Thanks
      Jyotsana

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