नेहरू जीे को श्रद्धा सुमन Part 4

डा. जे.के.गर्ग
डा. जे.के.गर्ग
पंचशील के जनक——-जवाहरलाल नेहरू ने भारत को तत्कालीन विश्व की दो महान शक्तियों का पिछलग्गू न बनाकर तटस्थता की नीति का पालन किया। नेहरूजी ने निर्गुटता एवं पंचशील जैसे सिद्धान्तों का पालन कर विश्व बन्धुत्व एवं विश्वशांति को प्रोत्साहन दिया। नेहरुजी ने कई पुस्तकें लिखी जिनमें प्रमुख हैं——-डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया,एन ओटोबायोग्राफी, ग्लिम्प्सेस ऑफ़ वर्ल्डहिस्ट्री,पुत्री के नाम पिता के पत्र आदि |

हमेशा बच्चों की तरह हमेशा तरोताज़ा दिखते थे चाचा नेहरू
एक बार चाचा नेहरू से मिलने एक सज्जन आए। बातचीत के दौरान उन्होंने नेहरू जी से पूछा, “पंडित जी,आप सत्तर साल के हो गये हैं,लेकिन फिर भी हमेशा बच्चों की तरह तरोताज़ा दिखते हैं इसका राज क्या है?नेहरू जी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया,इसके तीन कारण हैं। यथा–बच्चों को बहुत प्यार करता हूँ। उनके साथ खेलने की कोशिश करता हूँ,इससे मैं अपने आपको उनको जैसा ही महसूस करता हूँ। मैं प्रकृति प्रेमी हूँ,और पेड़-पौधों,पक्षी,पहाड़,नदी,झरनों,चाँद,सितारों से बहुत प्यार करता हूँ। मैं इनके साथ में जीता हूँ,जिससे यहमुझे तरोताज़ा रखते हैं। देशभर में जवाहरलाल नेहरू का जन्म दिन 14नवंबर को बाल दिवसके रूप में मनाया जाता है।
इस वर्ष128वीं ज न्मतिथी है,उन्हें औपचारिकतावश याद करने के बजाय भारत के नवनिर्माण के महान शिल्पकार के रूप में श्रद्दाजलीं अर्पित कर उन्हें नमन करें|

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