पित्र पक्ष विशेष

पित्र दोष शांति हेतु विशेष कर्मकांड पूजाए जिनसे पित्र तृप्त होते ह:-

ज्योति दाधीच
पित्रो की शांति एवं तर्पण आदि न करने वाले मानव के शरीर का रक्तपान पित्रृगण करते हैं अर्थात् तर्पण न करने के कारण पाप से शरीर का रक्त शोषित हो कर मनुष्य रोगों को प्राप्त करता है।इस हेतु विभिन्न कर्म शास्त्रो में वर्णित ह जो निम्न ह:-
(1)त्रिपिंडी श्राद्ध क्या ह त्रिपिंडी श्राद्ध?
पितृदोष की शांति हेतु त्रिपिण्डी श्राद्ध किया जाता ह।
त्रिपिण्डी श्राद्ध:- यदि किसी मृतात्मा को लगातार तीन वर्षों तक श्राद्ध नहीं किया जाए तो वह जीवात्मा प्रेत योनि में चली जाती है। ऐसी प्रेतात्माओं की शांति के लिए त्रिपिण्डी श्राद्ध कराया जाता है।
(2)नारायण बलि कर्म :- यदि किसी जातक की कुण्डली में पित्रृदोष है एवं परिवार मे किसी की असामयिक या अकाल मृत्यु हुई हो तो वह जीवात्मा प्रेत योनी में चला जाता है एवं परिवार में अशांति का वातावरण उत्पन्न करता है। ऐसी स्थिति में नारायण बलि कर्म कराना आवश्यक हो जाता है।
(3)महामृत्युंजय मंत्र महामृत्युंजय मंत्र जाप एक अचूक उपाय है। मृतात्मा की शांति के लिए भी महामृत्युंजय मंत्र जाप करवाया जा सकता है। इसके प्रभाव से पूर्व जन्मों के सभी पाप नष्ट भी हो जाते है।
उपरोक्त उपायो से आप लोग लाभान्वित हो सकते ह।ओर मालूम कर सकते ह घर मे होने वाली परेशानिया आर्थिक संकट,रोग,कलह,मतभेद,लगातार होने वाली ग्रह कलह से ओर कुंडली जनित दोषो से हम पित्र दोष का पता लगा कर इन उपायों द्वारा शांति समाधान पा कर पित्रो के आशीर्वाद से पुनः तृप्त हो सकते ह। जय माताजी की💐🙏💐

ऐस्ट्रो ज्योति दाधीच,तीर्थराज पुष्कर,राजस्थान।

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