समाजवाद एवं अहिंसा के प्रणेता प्रथम वेश्यसम्राट अग्रसेन Part 1

डा. जे.के.गर्ग
किसी भी राष्ट्र और समाज को उन्नत तथा विकसित बनाने के लिये उसके आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक स्तम्भों का मजबूत होना आवश्यक हैं | आज से लगभग 5143 साल पहिले महाराजा अग्रसेनजी ने इन्हीं चार स्तंभों को मजबूत कर समर्द्धशाली, कल्याणकारी एवं शक्तिशाली राज्य का निर्माण किया था | समाजवाद के प्रणेता महाराजा अग्रसेन एक पौराणिक कर्मयोगी लोकनायक होने के साथ तपस्वी, महान दानवीर युग पुरुष थे जिनका जन्म द्वापर युग के अंत वह कलयुग के प्रारंभ में लगभग 5143 वर्ष पूर्व अश्विनशुक्ल प्रतिपदा के दिन प्रताप नगर के सूर्यवंशी राजा वल्लभ के यहाँ हुआ था। ऐसा भी कहा जाता है की महाराजा अग्रसेन भगवान श्रीरामके पुत्र कुश की 34 व़ी पीढ़ी के थे | मान्यताओं के अनुसार महाभारत के दसवें दिन राजा वल्लभसेन भीष्मपितामाह के हाथो वीर गति को प्राप्त हुए |15 वर्ष की अल्प आयु मे ही अग्रसेनजी ने महाभारत के धर्मयुद्ध में पांडवो की तरफ से भाग लिया था | कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण भी उनकी बुद्धीमता,शोर्य,पराक्रम,समझबुझ से अत्यंत प्रभावित हुए और उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि युवा अग्रसेन भविष्य में एक पराक्रमी सम्राट एवं युग पुरुष के रूप में जाने जायगें |

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