शारदीय नवरात्र विशेष

ज्योति दाधीच
नवरात्र 2019 / इस बार हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा और मुर्गे पर सवार होकर जाएंगी।
इस बार 29 सितंबर, रविवार से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो रही है और 8 अक्टूबर मंगलवार को दशहरा मनाया जाएगा। वैसे तो मां दुर्गा का वाहन सिंह है, लेकिन हर नवरात्र पर देवी दुर्गा पृथ्वी पर अलग-अलग वाहन पर सवार होकर आती हैं।देवी के अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आने से इसका अलग-अलग शुभ-अशुभ फलबताया गया है।
देवी भागवत के अनुसार माता दुर्गा जिस वाहन से पृथ्वी पर आती हैं, उसके अनुसार साल भर होने वाली घटनाओं का भी आंकलन किया जाता है।
तत्तफलम: गजे च जलदा देवी क्षत्र भंग स्तुरंगमे।
नोकायां सर्वसिद्धि स्या ढोलायां मरणंधुवम्।।
देवी जब हाथी पर सवार होकर आती है तो पानी ज्यादा बरसता है। घोड़े पर आती हैं तो पड़ोसी देशों से युद्ध की आशंका बढ़ जाती है। देवी नौका पर आती हैं तो सभी की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और डोली पर आती हैं तो महामारी का भय बना रहता हैं।
शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।
गुरौ शुक्रे चदोलायां बुधे नौका प्रकी‌र्त्तिता
देवी भागवत के इस श्लोक के अनुसार सोमवार व रविवार को प्रथम पूजा यानी कलश स्थापना होने पर मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं। शनिवार और मंगलवार को नवरात्र शुरू होने पर माता का वाहन घोड़ा होता है। गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्र शुरू होने पर माता डोली में बैठकर आती हैं। बुधवार से नवरात्र शुरू होने पर माता नाव पर सवार होकर आती हैं।
इस साल नवरात्र की शुरुआत रविवार से हो रही है। जिससे इस नवरात्र में माता हाथी पर सवार होकर आएगी। हाथी की सवारी होने से इस बार देश में अतिवृष्टि की संभावना है। यानी अगले शारदीय नवरात्र तक बारीश ज्यादा होगी। बिना मौसम बारीश होने की भी संभावना है।
किस दिन कौन-से वाहन पर सवार होकर जाती हैं देवी
देवी भागवत के अनुसार नवरात्र का आखिरी दिन तय करता है कि जाते समय माता का वाहन कौन सा होगा। यानी नवरात्र के अंतिम दिन कौन सा वार है, उसी के अनुसार देवी का वाहन भी तय होता है।
शशि सूर्य दिने यदि सा विजया महिषागमने रुज शोककरा।
शनि भौमदिने यदि सा विजया चरणायुध यानि करी विकला।।
बुधशुक्र दिने यदि सा विजया गजवाहन गा शुभ वृष्टिकरा।
सुरराजगुरौ यदि सा विजया नरवाहन गा शुभ सौख्य करा॥
रविवार और सोमवार को देवी भैंसा की सवारी से जाती हैं तो देश में रोग और शोक बढ़ता है। शनिवार और मंगलवार को देवी चरणायुध पर(मुर्गेपर सवार होकर) जाती हैं।जिससे दुख और कष्ट की वृद्धि होती है। बुधवार और शुक्रवार को देवी हाथी पर जाती हैं। इससे बारिश ज्यादा होती है। गुरुवार को मां भगवती मनुष्य की सवारी से जाती हैं। इससे जो सुख और शांति की वृद्धि होती है!

जय माताजी की🙏💐
एस्ट्रो ज्योति दाधीच,तीर्थराज पुष्कर ,राजस्थान।

error: Content is protected !!