dr. j k gargगुरुवर टेगोर ने 1915 में गांधीजी को महात्मा कह कर सम्बोधित किया वहीं 1944 में सुभाष चंद्र बोस ने सबसे पहले उन्हें राष्ट्र पिता कह कर सम्बोधित किया था जिसके बाद सभी उन्हें राष्ट्रपिता कहने लगे। 2 अक्तूबर 2019 को राष्ट्रबापूजी की 150वीं जन्म जयंती बना रहा है,स्मरणीय है कि बापू की स्म्रति में यू.एन.ओ 2 अक्तूबर को प्रति वर्षअहिसा ( Non Violence Day) दिवस के रूप में मनाता है | बापूजी ने विभिन्न आन्दोलनों के दोरान करीब रोजलगभग 18 किलोमीटर पैदल चले इस लिहाज से बापू ने 79000 किलोमीटर पदयात्रा की यह दूरी धरती के दो चक्कर लगाने जितनी है | बापूजी ने करीब एक करोड़ शब्द लिखे थे वे दोनों हाथो से लिख लेते थे, उनके लिखे करीब पचास हजार डाक्यूमेंट्स सुरक्षित हैं | बापूजी 14 मर्तबा गिरफ्तार हुये एवं छ्ह साल जेल में रहे उन्होंने अपने जीवन में 1341 दिन उपवास किया था | गांधीजी कहा करते थे कि “पैदल चलना व्यायम का राजा है “ आज के धार्मिक उन्माद के माहोल में बापू के प्रिय भजन “ रघुपति राघव राजा राम,पतित पावन सीता राम | ईश्वर अल्लाह एक ही नाम ,सबको सन्मति दे भगवान “ को हमारे आचरण में लाने की महती जरूरत है | याद रक्खें कि बापूजीने कहा था कि “धर्म व्यक्तिगत मामला है | राज्य का मेरे धर्म से कोई समबन्ध नहीं है” | यह भी याद रक्खें की गांधीजी के लिये स्वच्छता एक काम या आदत नहीं वरन जीने का एक तरीका था | बापूजी ने कहा था कि देश के भ्रमण के दोरान मुझे सबसे अधिक पीड़ा और तकलीफ गंदगी को देख कर हुयी थी | हमारी गरीबी की मुख्य वजह साफ़ सफाई एवं स्वच्छता की कमी है |
नकल करना गलत है
स्कूल के पहले ही वर्ष की, परीक्षा के समय की एक घटना उल्लेखनीय हैं। शिक्षा विभाग के इन्सपेक्टर जाइल्स विद्यालय की निरीक्षण करने आए थे। उन्होंने विद्यार्थियों से अंग्रेजी के पांच शब्द लिखने को कहा उनमें एक शब्द ‘केटल’ (kettle) था। गांधीजी ने उसकी स्पेल्लिंग गलत लिखी । शिक्षक ने इशारों में उन्हें पास बैठे छात्र की पट्टी को देख कर सही स्पेल्लिंग लिखने को कहा किन्तु ईमानदार मोहनदास ने नकल नहीं की जिससे उन्हें अपने अध्यापक की डाट खानी पड़ी किन्तु वो दूसरे लड़कों की पट्टी में देखकर चोरी करना नहीं चाहते थे |— ऐसे थे बापू