दीपावली कार्तिक की अमावस्या को ही क्यों मनायी जाती है ? Part 1

dr. j k garg
भगवान राम का लंका विजय के बाद अयोध्या में आगमन:—-जब भगवान राम अहंकारी राक्षसराज रावण का वध करने के बाद लंका का राज्य विभीषन को सोंप कर माता सीता और अनुजलक्ष्मण के साथ अपने ग्रह राज्य अयोध्या में 14 वर्ष का वनवास पूर्ण कर वापस लोटे तो उस वक्त अयोध्या के समस्त नर-नारी उन सभी के आगमन से बहुत खुश थे। इसलिये अयोध्यावासीयोंनें भगवान राम के लौटने के दिन अपने घर और पूरे राज्य को सजाकर मिट्टी से बने दीपकों से अमावस्या की अंधकारमय रात्री को रोशनी से जगमगा दिया एवं खुशी प्रकट करने हेतु आतिशबाजीबाज़ी कर फटाके जलाये, तभी से कार्तिक मास की अमावस्या को दीवाली मनाई जाती है।
माता लक्ष्मी का जन्मदिन:-हम देवी लक्ष्मी को धन एवं समृद्धि की स्वामिनी मानते हैं। यह माना जाता है कि कार्तिक महीने की अमावस्या को राक्षस और देवताओं द्वारा समुन्द्र मंथन के समयदेवी लक्ष्मी क्षीर सागर से ब्रह्माण्ड में अवतरित हुई थी। इसी वजह से कार्तिक महीने की अमावस्या को माता लक्ष्मी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में दिवाली के त्यौहार के रूप में मनाना शुरू कियागया था।
नरकासुर वध:—–प्राचीन काल में राक्षसराज नरकासुर अत्यंत अत्याचारी था उसने अपनी जेल में 16000 औरतों को बंधी बना रखा था। भगवान कृष्ण ने नरकासुर को मार कर समस्त महिलाओंको मुक्त करवा के उनकी जान बचाई थी। इसीलिये दीपावली से एक दिन पूर्व चतुर्दशी को इस घटना को उत्सव के रूप में मनाया जाता है ।

Dr J.K. Garg

error: Content is protected !!