शिव रात्रि विशेष

ज्योति दाधीच
महाशिवरात्रि पर्व जिसे महाकाल रात्रि कहा गया ह, शास्त्रों में भी वर्णित है दीपावली होली का जन्माष्टमी एवं महाशिवरात्रि चार महा रात्रिया है इन रात्रिओं में पूजा पाठ हवन मंत्र जाप सिद्ध करने का अचूक योग बनता है। इस बार 29 वर्षों के बाद तीन योग एवं पंच महापुरुष योग बन रहा है शश योग सु स्थिर योग एवं सर्वार्थ सिद्धि योग का भी पंचांग एवं ज्योतिष में योग बन रहा है शनि भगवान स्वराशि मकर पर गुरु बृहस्पति धनुराशि पर एवं चंद्रमा से शनि ग्रह 1,4, 7, 10 वे स्थान पर होने पर यह योग बनता है। श्रवण नक्षत्र का होना एवं चतुर्दशी का आना भी ज्योतिष में इस योग का सूचक बनता है चंद्रमा शनी मकर राशि पर होने से पंच महापुरुष योग बनता है शनि ग्रह का मकर राशि में होने से एवं चंद्रमा का गोचर क्रम में शनी की मकर राशि पर होने से शश योग बनता है पुराणों में वेदों में वर्णित है कि भगवान शंकर के मस्तिष्क पर जटा पर चंद्रमा विद्यमान है अतः ऐसे शुभ समय में जिनकी जन्मपत्री कुंडली में चंद्रमा अशुभ हो शनि शुभ हो एवं गुरु की दृष्टि शुभता में हो तो हवन पूजन दान धर्म एवं शंकर की विशेष पूजा रुद्राभिषेक शिव तांडव शिव सहस्त्रनामावली शिव पंचाक्षर मंत्र महामृत्युंजय मंत्र बिल्व पत्र अर्चना एवं प्रत्येक बिल्व पत्र पर लाल चंदन या पीले चंदन से ॐ लिखकर चढ़ाने से, दूध में तिल ,चावल ,चने की दाल ,हल्दी केसर, इत्र ,मिश्रण करके ओम नमः शिवाय के उच्चारण से चढ़ाने से एवं सूखा मेवा फल मिष्ठान का भोग लगाने मात्र से अविवाहित जातक जातिका का शीघ्र विवाह संपन्न हो सकता है जिनके व्यापार में मंदी है घर में अशांति एवं गृह क्लेश आर्थिक कष्ट पारिवारिक शारीरिक और मानसिक कष्टों और व्याधियों से एवं शत्रु पक्ष से विजय कारक योग बनाता है रात्रि के चार प्रहर में पूजन अनुष्ठान आरती भोग प्रसाद मंत्र उच्चारण करने से विजय श्री योग एवं मनोकामना सिद्धि योग बनता है ऐसा ज्योतिष में एवं शास्त्रों में वर्णित है ।ॐ नमः शिवाय।महाकाल सबका कल्याण करे।

जय माताजी की🙏🙏
एस्ट्रो ज्योति दाधीच ,तीर्थ राज पुष्कर राजस्थान।

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