उन्होंने अपनी अंतिम पांडुलिपि “बुद्ध या कार्ल मार्क्स“को 2 दिसम्बर 1956 को पूरा किया। अपनी अंतिम पांडुलिपि बुद्ध और उनके धम्म को पूरा करने के तीन दिन के बाद 6 दिसम्बर 1956 को अम्बेडकर की मृत्यु नींद में दिल्ली में उनके घर मे हो गई। 7 दिसंबर को चौपाटी समुद्र तटपर बौद्ध शैली मे अंतिम संस्कार किया गया जिसमें बाबासाहिब के हजारों समर्थकों और और प्रशंसकों ने भाग लिया।14 अप्रेल 2020 को बाबा साहिब के 129 वें जन्म दिवस पर समस्त भारतीय उन्हें अपनें श्रद्दा सुमन अर्पित करते हैं |
प्रस्तुतिकरण डा. जे. के. गर्ग