18 वर्ष के युवाओं को मताधिकार देने और भारत में कंप्यूटर क्रांति के जनक राजीव गांधी Part 4

dr. j k garg
राजीव शालीनता की प्रतिमुर्ती थे उन्होंने कभी भी अपने घोर विरोधियों के प्रति अनर्गल एवं कर्कश शब्दों का प्रयोग नहीं किया | लोग उनका भाषण सुनने के लिए लोग घंटों इंतज़ार किया करते थे। उन्हों्ने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में कई ऐसे महत्वपूर्ण फ़ैसले लिए, जिसका असर आज देश के विकास में देखने को मिल रहा है। आज हर हाथ में दिखने वाला मोबाइल उन्हीं फ़ैसलों का नतीजा है। राजीव ने राजनीती में भी नेतिकता को सर्वोच्च स्थान दिया, बोफोर्स कांड के आरोपों के बीच संसद भंग कर नये चुनाव करवाने का जज्बा उन्हीं में था |
1989 में लोकसभा चुनाव में 195 सीटे जितने के बावजूद उन्होंने कहा कि जनादेश कांग्रेस के खिलाफ है इसलिए उन्होंने विरोधी पक्ष में बेठने का फेसला लिया | आज के माहोल मै पार्टियाँ येन केन प्रजातांत्रिक मूल्यों को तिलांजली देकर सत्ता प्राप्त करना चाहती है |राजीव गांधी राष्ट्र के लिए कुशल नेता थे जिन्होंने भारत में ग्रामीण उत्थान का मार्ग खोला, *सच्चे अर्थों में वे संवेदना, मानवता के नेता थे वह उदासीन, उत्पीड़ित और हाशिये के लोगों के प्रति सहानुभूति और संवेदनशीलता रखते थे उन्हे सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण वायरस की रोकथाम के लिए लगभग 2 माह से लागू लोकडाउन से पीड़ित लोगों की हम लोग सहायता करें इसीलिए आज स्वर्गीय राजीव गांधी जी की पुण्यतिथि पर 21 जरूरतमंद परिवारों को रसद सामग्री के किट वितरित किये गए।
समूचा राष्ट्र राजीवगांधी उनकी 29 वीं पूण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करता है |
डा. जे. के. गर्ग

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