बापू के151वे जन्मदिन पर याद कीजिये उनके जीवन कुछ अविस्मरणीय घटनायें पार्ट 4

जब किसी ने बापूजी के मुहं पर थूका तो वे बोले एक ने तो अपना गुस्सा थूका भले ही मेरे मुंह पर ही क्यों न थूका हो

dr. j k garg
बात भारत-पाकिस्तान बटवारे के दौरान की है, जब देश में हिन्दू-मुस्लिम दंगेहो रहे थे। तब बापू दंगे शांत कराने को बंगाल गए थे वहां पर आक्रोशित मुसलमान भाइयों को जब गांधी जी समझाने का प्रयास कर रहे थे तो एक मुसलमान नेगांधी जी के मुंह पर थूक दिया। ऐसा देख कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ताओं ने उसे पकड़ा तो गांधी जी ने कहा कि इन लोगों में गुस्सा है और मुझे ख़ुशी है कि किसी एकने तो अपना गुस्सा थूका भले ही मेरे मुंह पर ही क्यों न थूका हो। इतना सुनकर वह मुस्लिम युवक उनके पैरों पर गिर पड़ा और वहां हो रहे दंगे कम हुए।

पैदल चलना व्यायाम का राजा है,
महात्मा गांधी मानते थे कि पैदल चलना व्यायाम का राजा है, इसलिए वे बहुत लंबी दूरी के लिए भी किसी साधन की बजाय पैदल चलने को तरजीह देते थे। वे अपने पूरे जीवन में औसतन रोज 18 किलोमीटर पैदल चले। इतनी पैदल यात्रा में तो वे दो बार धरती का चक्कर लगा सकते थे! 1913 से 1938 तक विभिन्नआंदोलनों के दौरान 25 वर्षों में वे करीब 79,000 किलोमीटर पैदलचले। देश केलिए चालीस साल के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान गांधीजी ने करीब 1 करोड़ शब्द लिखेयानी रोज करीब 700 शब्द। उन्होंने मूल रूप से सात किताबें लिखीं और भगवद गीता का गुजराती में अनुवाद किया।

डा. जे. के. गर्ग

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