एक आदमी गुरु रविदास जी के पास एक पत्थर ले कर आये और कि यह बोले यह पत्थर किसी भी लोहे को सोने में बदल सकता सकता है। जब उस आदमी ने पत्थर को सुरक्षित जगह रखने के लिये गुरुजी पर दबाव डाला और कहा कि मैं इसे लौटते वक्त वापस ले लूँगा तब रविदास ने उसे अपने घर के छप्पर पर फेकं दिया | गुरु जी ने उसकी ये बात वो दर्शनशास्त्री कई वर्षों बाद लौटा तो पाया कि वो पत्थर उसी तरह छप्पर पर पड़ा हुवा है | गुरुजी के गुरु रविदास ने हमेशा अपने अनुयायीयों को सिखाया कि कभी धन के लिये लालची मत बनो, धन कभी स्थायी नहीं होता, इसके बजाय आजीविका के लिये कड़ी मेहनत करो।
संकलनकर्ता एवं प्रस्तुतिकरण—- डा. जे. के. गर्ग