आततायी और असहिष्णु निरकुंश राज्य शक्ति पर सच्चाई और सद्दभाव की जीत का पर्व होली Part 2

dr. j k garg
यों तो होली का त्योहार वसंत पंचमी से ही आरंभ हो जाता है। उसी दिन पहली बार गुलाल उड़ाया जाता है। इस दिन से फाग और धमार का गाना प्रारंभ हो जाता है। खेतों में सरसों खिल उठती है। बाग-बगीचों में फूलों की आकर्षक छटा छा जाती है। पेड़-पौधे,पशु-पक्षी एवं सभी नर-नारी उल्लास से परिपूर्ण हो जाते हैं। खेतों में गेहूँ की बालियाँ इठलाने लगती हैं। किसानों का ह्रदय ख़ुशी से नाच उठता है। होली का पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है | यह पर्व पारंपरिक रूप से दो दिन तक मनाया जाता है। इस वर्ष होलिका दहन 28 मार्च 2021 को धूम धाम से मनाया जायगा |

डा. जे. के. गर्ग

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