भारतीय गणतंत्र के संविधान के शिल्पकार डॉक्टर अम्बेडकर Part 3

dr. j k garg
भारत रत्न बाबासाहेब अंबेडकर का जन्म 14 अप्रेल 1891 को महू छावनी में गरीब दलित (महार) परिवार मे हुआ था। स्कुली पढ़ाई में सर्वश्रेष्ट होने के बावजूद उन्हें एवं अन्य दलित छात्रों को विद्यालय मे अलग से बिठाया जाता था एवं उन सभी के साथ भेदभाव कर अमानवीय व्यवहार किया जाता था इन बातोँ से दुखी होकर बालक भीमराव ने समाज से छुआछूत मिटाने का संकल्प लिया | अपने अध्यापक श्री महादेव के कहने पर युवा भीमराव ने अपने नाम से सकपाल हटाकर अपने गाँव “अंबावडे” पर आधारित अम्बेडकर जोड़ लिया था। 1907 में मैट्रिक परीक्षा पास करने के बाद अम्बेडकर ने बंबई विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया, बाबासहिब कॉलेज में प्रवेश लेने वाले पहले दलित बन गये। 1908 में उन्होंने एलिफिंस्टोन कॉलेज में प्रवेश लिया और बड़ोदा के गायकवाड़ शासक सयाजी राव तृतीय के सहयोग से उच्च अध्ययन के लिये अमेरिका चले गये | कुछ समय बाद उन्होने लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स में अध्ययन किया किन्तु अपने अध्ययन के मध्य ही छात्रवृत्ति की समाप्ति की वजह से उन्हें अपना अध्ययन बीच मे ही छोड़ कर भारत वापस लौटना पडा़ | 1920 में वे पुनः कोल्हापुर के महाराजा एवं अपने पारसी मित्र के सहायता से वे वापस इंग्लैंड चले गये | 1923 में उन्होंने अपना शोध “प्रोब्लेम्स ऑफ द रुपी” पूरा किया, उन्हें लंदन विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ साईंस की उपाधि प्रदान की गयी।

डा. जे. के. गर्ग

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