नारी शक्ति नवदुर्गा के नौ स्वरूपों का औषधिय महत्त्व

पंचम स्कंदमाता यानी अलसी

dr. j k garg
नवदुर्गा का पांचवा रूप स्कंदमाता है जिन्हें पार्वती एवं उमा भी कहते हैं। यह औषधि के रूप में अलसी में विद्यमान हैं। यह वात, पित्त, कफ, रोगों की नाशक औषधि है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति ने स्कंदमाता की आराधना करना चाहिए।
षष्ठम कात्यायनी यानी मोइया
नवदुर्गा का छठा रूप कात्यायनी है। इसे आयुर्वेद में कई नामों से जाना जाता है जैसे अम्बा, अम्बालिका, अम्बिका। इसके अलावा इसे मोइया अर्थात माचिका भी कहते हैं। यह कफ, पित्त, अधिक विकार एवं कंठ के रोग का नाश करती है। इससे पीड़ित रोगी को इसका सेवन व कात्यायनी की आराधना करनी चाहिए।

error: Content is protected !!