नारी शक्ति नवदुर्गा के नौ स्वरूपों का औषधिय महत्त्व

नवम सिद्धिदात्री यानी शतावरी

dr. j k garg
नवदुर्गा का नवम रूप सिद्धिदात्री है, जिसे नारायणी याशतावरी कहते हैं। शतावरी बुद्धि बल एवं वीर्य के लिए उत्तम औषधि है। यह रक्त विकार एवं वात पित्त शोध नाशक और हृदय को बल देने वाली महाऔषधि है।
सिद्धिदात्री का जो मनुष्य नियमपूर्वक सेवन करता है। उसके सभी कष्ट स्वयं ही दूर हो जाते हैं। इससे पीड़ित व्यक्ति को सिद्धिदात्री देवी की आराधना करना चाहिए। इस प्रकार प्रत्येक देवी आयुर्वेद की भाषा में मार्कण्डेय पुराण के अनुसार नौ औषधि के रूप में मनुष्य की प्रत्येक बीमारी को ठीक कर रक्त का संचालन उचित एवं साफ कर मनुष्य को स्वस्थ करती है। अत: मनुष्य को इनकी आराधना एवं सेवन करना चाहिए।

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