गणेश चतुर्थी — गणपति का जन्मोत्सव मैनेजमेंट के सर्वोच्च गुरु देवों के देव गणेश part 8

क्यों सिर्फ माता पिता के चरणों में ही बसता है समस्त संसार ?

j k garg
एक बार देवता अनेकों आपदाओं में घिरे हुए थे, तब वे मदद मांगने भगवान शिव के पास आए। देवताओं की बात सुनकर शिवजी के दोनों पुत्रों कार्तिकेय व गणेशजी ने शिवजी से देवताओं की मदद करने आज्ञा मांगी तब भगवान शिव ने दोनों की परीक्षा लेते हुए कहा कि तुम दोनों में से जो सबसे पहले पृथ्वी की परिक्रमा करके आएगा वही देवताओं की मदद करने जा सकेगा । भगवान शिव के मुख से यह वचन सुनते ही कार्तिकेय तो अपने वाहन मोर पर बैठकर पृथ्वी की परिक्रमा के लिए निकल गए। किन्तु गणेशजी सोच में पड़ गए कि वह चूहे के ऊपर चढ़कर सारी पृथ्वी की परिक्रमा करेंगे तो इस कार्य में उन्हें बहुत समय लग जाएगा। तभी गणेशजी को एक उपाय सूझा। गणेश अपने स्थान से उठें और अपने माता-पिता की सात बार परिक्रमा करके वापस बैठ गए। परिक्रमा करके लौटने पर कार्तिकेय स्वयं को विजेता बताने लगे। तब शिवजी ने श्रीगणेश से पृथ्वी की परिक्रमा ना करने का कारण पूछा। तब गणेश ने कहा – ‘माता-पिता के चरणों में ही समस्त लोक हैं। हैं।’ भगवान शिव ने गणेश को विजेता घोषित करके कहा कि वास्तविकता में ‘माता-पिता के चरणों में ही समस्त लोक वास करते हैं।

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