सूर्य षष्ठी यानी मोरयाई छठ व्रत आज

राजेन्द्र गुप्ता
आज यानी 12 सितम्बर को श्रद्धालु सूर्य षष्ठी या मोरयाई छठ का व्रत रखेंगे। यह व्रत अश्वमेध यज्ञ जितना फल देता है। यह व्रत भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को भारत में किया जाता है। भगवान सूर्य को समर्पित यह दिन सूर्य उपासना एवं व्रत रखने के लिए विशेष महत्व रखता है। इसे सूर्य षष्ठी व्रत या मोर छठ के नाम से भी जाना जाता है।

पूजा विधि
————-
छठ की सुबह सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ स्नान करें। संभव नहीं हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर नहाएं।
– इसके बाद भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं। इसके लिए तांबे के लोटे में जल भरें और चावल, फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें।
– जल चढ़ाते समय सूर्य के वरूण रूप को प्रणाम करते हुए ऊं रवये नम: मंत्र का जाप करें। इस जाप के साथ शक्ति, बुद्धि, स्वास्थ्य और सम्मान की कामना करना चाहिए।
– इस प्रकार जल चढ़ाने के बाद धूप, दीप से सूर्यदेव का पूजन करें। सूर्य से संबंधित चीजें जैसे तांबे का बर्तन, पीले या लाल कपड़े, गेहूं, गुड़, लाल चंदन का दान करें।
– श्रद्धानुसार इन में से किसी भी चीज का दान किया जा सकता है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा के बाद एक समय फलाहार करें।

जिन लोगों की कुंडली में सूर्य अशुभ फल दे रहा हो, वे ये उपाय करें…
1. सुबह सूर्योदय के समय लाल फूल, कुंकुम आदि से सूर्यदेव की पूजा करें। लाल वस्त्र भी अर्पित करें।
2. किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेकर माणिक रत्न तांबे की अंगूठी में अपनी अनामिका अंगुली में धारण करें।
3. जरूरतमंदों को अपनी इच्छा से गेहूं का दान करें। इससे भी सूर्य के दोष कम होते हैं।
4. लाल चंदन की माला से ऊं घृणि सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें। कम से कम 5 माला का जाप करें।

कैसे करें सूर्य देव का पूजन
**************************
भगवान सूर्य देव को लाल रंग अधिक प्रिय है, अत: इस दिन उन्हें गुलाल, लाल चंदन, लाल पुष्प, केसर, लाल कपड़ा, लाल फल, लाल रंग की मिठाई अर्पित करके प्रसन्न करने का प्रयत्न करना चाहिए।

पुराणों के अनुसार हर महीने में आने वाली शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को हर मनुष्य को सूर्य देव का यह व्रत अवश्य करना चाहिए। खास कर भाद्रपद मास के शुक्ल षष्ठी के दिन यह व्रत करने से मनुष्य को अश्वमेध यज्ञ जितना फल प्राप्त होता है।

ऐसे करें सूर्य देवता को प्रसन्न-
***************************
* मोरयाई छठ व्रत हर व्रतधारी को पूर्ण श्रद्धा एवं भक्तिपूर्वक रखना चाहिए।

* इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है, लेकिन अगर किसी कारणवश गंगा स्नान संभव न हो तो घर पर ही नहाने के पानी में कुछेक मात्रा में गंगा जल डालकर स्नान किया जा सकता है।

* इस दिन सूर्य के उदय होते ही भगवान सूर्य देव की उपासना करना चाहिए।

* भाद्रपद शुक्ल षष्ठी तिथि को जब तक सूर्य देवता प्रत्यक्ष रूप दिखाई न दें, तब तक सूर्य उपासना नहीं करना चाहिए।

* इस दिन सूर्य देव के विभिन्न नाम तथा सूर्य मंत्रों का जप अवश्य करना चाहिए।

* इस दिन पंचगव्य का सेवन अवश्य करना चाहिए।

* दिन भर में एक बार नमक रहित भोजन करना चाहिए।

यह व्रत करने वालों पर सूर्य देव प्रसन्न होकर उन्हें सभी तरह के सुख, ऐश्वर्य तथा अश्वमेध यज्ञ का फल देते हैं। मोरयाई छठ पर सूर्य देव उ परोक्त विधिनुसार पूजन करने से सूर्य देव शीघ्र ही प्रसन्न होकर शुभाशीष प्रदान करते हैं।

राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9611312076
नोट- अगर आप अपना भविष्य जानना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल करके या व्हाट्स एप पर मैसेज भेजकर पहले शर्तें जान लेवें, इसी के बाद अपनी बर्थ डिटेल और हैंडप्रिंट्स भेजें।

error: Content is protected !!